e-NAM Portal: देश के किसानों के सामने सबसे बड़ी परेशानी उनकी उपज का बाजार में सही दाम को लेकर रहती है. अक्सर देखा गया है कि कई बार किसानों की पैदावार तो अच्छी हो जाती है, लेकिन बाजार में अच्छी कीमत न मिल पाने के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. किसानों की इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ई-नाम पोर्टल को शुरू किया, जिसके तहत किसानों को उपज का सही दाम प्राप्त हो सके.
बता दें कि ई-नाम पोर्टल/ e-NAM Portal पर किसान सिर्फ फसल को बेच ही नहीं बल्कि खरीद भी सकते हैं. यह फसल की खरीद-बिक्री का सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म है.
UPI से होगा फसल की भुगतान
किसान फसल की खरीद और बिक्री का भुगतान सीधे तौर पर किया जाएगा. इसमें किसी भी तरह के बिचौलियों का हाथ शामिल नहीं होगा. इसके अलावा इस पोर्टल के माध्यम से किसान को फसल के मूल्य को लेकर मोल-भाव करने की भी जरूरत नहीं होगी. किसान इस पोर्टल से फसल की बिक्री और खरीद UPI के माध्यम से कर सकते हैं.
e-NAM पर मिलती हैं ये सुविधाएं
बता दें कि e-NAM से 41 सर्विस प्रोवाइडर्स को जोड़ा गया है, जिसमें ट्रेडिंग, क्वालिटी चेक, वेयरहाउसिंग, फिनटेक, मार्केट इन्फॉर्मेशन, ट्रांसपोर्टेशन जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं. ये सर्विस प्रोवाइडर किसानों को एक नेटवर्क प्रदान करते हैं, जिससे किसान अपनी फसल बेच बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. इसके अलावा e-NAM ऐप से भी किसान अपनी उपज को सरलता से बेच सकते हैं.इसके लिए गूगल प्ले स्टोर से e-NAM ऐप डाउनलोड करें. इसमें किसानों को कई सेवाएं मिलती हैं,जैसे की कंपोजिट सर्विस प्रोवाइडर्स, लॉजिस्टिक्स सर्विस प्रोवाइडर्स, क्वालिटी एश्योरेंस सर्विस प्रोवाइडर, सफाई, ग्रेडिंग, छंटाई और पैकेजिंग सर्विस प्रोवाइडर, वेयरहाउसिंग सुविधा सर्विस प्रोवाइडर, एग्रीकल्चर इनपुट सर्विस प्रोवाइडर, टेक्नोलॉजी एनेबल्ड फाइनेंस और इंश्योरेंस सर्विस प्रोवाइडर, सूचना प्रसार पोर्टल, इंटरनेशनल एग्री-बिजनेस प्लेटफॉर्म, वस्तु विनिमय, प्राइवेट मार्केट प्लेटफॉर्म आदि.
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ऐसे करें ई-नाम पोर्टल के लिए रजिस्ट्रेशन ?
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फसल को ई-नाम पोर्टल पर खरीद और बिक्री के लिए किसान को सबसे पहले पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसके लिए किसान को कुछ सरल टिप्स को फॉलो करना होगा.
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किसान को रजिस्ट्रेशन के लिए सबसे पहले ई-नाम पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा. जहां उन्हें रजिस्ट्रेशन की लिंक पर क्लिक करना होगा.
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इसके बाद किसान को KYC डिटेल्स और अपने सभी जरूरी कागजात को अपलोड करना होगा.
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अंत में एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (APMC) की मंजूरी मिलने के बाद किसान की उपज की बिक्री शुरू हो जाएगी.