मध्य प्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर है. किसानों को अपनी खेती में प्रयोग होने वाले कंबाइन हार्वेस्टर सिस्टम पर अनुदान दिया जाएगा. किसानों को कृषि यंत्र पर अनुदान मिलने से ज्यादा राहत मिलेगी और साथ ही उनको काफी ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है. दरअसल आम तरह के कंबाइन से कटाई करने पर एक से ड़ेढ फीट तक का अवशेष खेतों में ही रह जाता है जिसको लंबे समय से किसान जलाते आ रहे है. इससे पहले भी पराली जलाने की घटनाएं होती रही है और इससे काफी ज्यादा नुकसान भी पहुंचा है. दरअसल वर्ष 2013 में ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के बाद खेती-बाड़ी विभाग और प्रदूषण विभाग कंट्रोल बोर्ड ने कंबाइन हार्वेस्टर के पीछे सुपर एसएमएम सिस्टम को लगाने की सलाह दी है. इस सिस्टम से फायदा है कि यह सिस्टम बची हुई अवशेष को कुतरकर छोटा कर देता है जिससे ये बाद में खाद के रूप में परिवर्तित हो जाती है.
ये है कंबाइन हार्वेस्टर
कंबाइन हार्वेस्टर एक ऐसा कृषि यंत्र है जो एक साथ, कटाई, थ्रेसिंग और क्लीनिंग करती है. इससे काटाई मुख्य रूप से 8 से 10 इंच ऊपर होती है. इस कारण काफी बड़ा हिस्सा डंठल के रूप में जमीन में अबशेष बनकर रह जाता है. उसके बाद आप आसानी से रोटावेटर को चला सकते है. अगर इस मशीन की बात करें तो यह मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा राज्य से आती है. इसकी कीमत 1 लाख 20 हजार रूपये है. इस पर सामान्य रूप से 45 हजार सब्सिडी मिलती है.
किसानों की आय बढ़ाना है मकसद
मध्यप्रदेश समेत देशभर के किसानों की आय को बढ़ाना सरकार का मकसद है ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति और ज्यादा मजबूत हो सके. किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो इसके लिए सरकार ने यंत्रीकरण की सब्सिडी में पैटर्न हेतु बदलाव भी किया है. राज्य में किसानों को सरकार ने ट्रैक्टर, पावर टिलर, रीपर, थ्रेसर, धान ट्रांसप्लांटर और अन्य कृषि यंत्रों पर बढ़ा हुआ अनुदान को देना भी शुरू कर दिया है. प्रदेश में ट्रैक्टर बाजार में तेजी आने लगी है और उनकी बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. केंद्र सरकार ने भी किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु कई तरह के सब्सिडी पैटर्न में बदलाव किया है. इससे किसानों को ज्यादा सब्सिडी मिलने की उम्मीद है. अगर मध्य प्रदेश की बात करें तो राज्य में 2018-19 में 2800 ट्रैक्टरों हेतु अनुदान देने के लक्ष्य को तय कर दिया गया है. नया पैटर्न और नया प्लान एवं सब्सिडी अगले वित्तीय वर्ष से लागू होने की संभावना है.
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को इस बात के निर्देश दिए हैं कि वे शेष अवधि में ट्रैक्टर की मौजूदा सब्सिडी को एक लाख 25 हजार रूपये से बढ़ाकर ढाई लाख रूपये करें.
मिलेगी इतनी सब्सिडी
8 से 20 पीटीओ एचपी- 2 से 2.50 लाख या 50 प्रतिशत
2. 1.60 से 1.80 लाख या फिर 40 प्रतिशत
20 से 40 पीटीओ एचपी- 2.50 से 3 लाख या 50 प्रतिशत
2. 2 लाख या फिर 2.40 लाख या 40 प्रतिशत