GFBN Story: कैसे लखन यादव ने बांस और प्राकृतिक खेती से खड़ा किया 2 करोड़ का एग्रो-बिजनेस Solar Subsidy: किसानों को सोलर पंप पर 90% अनुदान देगी राज्य सरकार, मिलेगी बिजली और डीजल खर्च से राहत GFBN Story: रिटायरमेंट के बाद इंजीनियर शाह नवाज खान ने शुरू की नींबू की खेती, अब कमा रहे हैं शानदार मुनाफा! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 15 April, 2021 12:00 AM IST
Agriculture News

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister of Commerce and Industry Piyush Goyal) द्वारा एक इलेक्ट्रॉनिक मार्केट प्लेस ई-सांता (e-SANTA) की शुरुआत की गई है. यह एक ऐसा मंच है, जिसकी मदद से मछुआरों और खरीददारों को जोड़ने का काम किया जाएगा. इसके साथ ही किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा.

पीयूष गोयल का कहना है कि ई-सांता मछुआरों के लिए आमदनी, आत्मनिर्भरता, जीवनशैली, गुणवत्ता स्तर, पता लगाने की क्षमता और नए विकल्प प्रदान करता है. यह मंच मौखिक माध्यम से किए जाने वाली व्यापार के पारंपरिक तरीके को बदलेगा.

ई-सांता से लाभ

  • अब समुद्र से मछली पकड़ने वालों को बेहतर कीमत मिल सकेगी.

  • वे अपने समुद्री उत्पादों की बिक्री सीधे निर्यातक को कर सकेंगे.

  • बिचौलियों को खत्म करेगा

  • आमदनी बढ़ेगी

  • वह सशक्त भी बन पाएंगे.

  • उत्पादों और बाजारों के बारे में जागरूकता बढ़ेगी.

  • गलत कामों के खिलाफ रोक लगेगी

  • प्रक्रियाओं में आसानी होगी

देश और विदेश में मछुआरों और खरीददारों के बीच बनेगा सेतु

आज के समय में कई किसानों को एकाधिकार एवं शोषण का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही निर्यातकों को खरीदे गए उत्पादों में असंगतता एवं गुणवत्ता की कमी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय व्यापार में पता लगाने की क्षमता एक बड़ा मुद्दा है. ऐसे में ई-सांता वेबसाइट (https://esanta.gov.in) मछुआरों के जीवन स्तर में बदलाव लाएगी. यह पोर्टल देश और विदेश, दोनों मछुआरों और खरीददारों के बीच एक सेतु के रूप में काम करेगा.

ये इलेक्ट्रॉनिक मंच है पेपर लेस

यह किसानों और निर्यातकों के बीच पूरी तरह से एक पेपरलेस एवं एंड-टू-एंड इलेक्ट्रॉनिक मंच होगा.

कई भाषाओं में उपलब्ध

कहा जा रहा है कि यह भविष्य में एक नीलामी मंच भी बन सकता है. खास बात यह है कि यह मंच कई भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे स्थानीय आबादी की मदद हो पाएगी.

English Summary: e-SANTA will increase fishermen's income
Published on: 15 April 2021, 03:08 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now