झारखंड सरकार दवारा ग्रामीण और गरीब परिवारों के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसके जरिए राज्य के लोगों की सेहत और आय, दोनों में अच्छा सुधार हो रहा है. ऐसी ही एक महिलाओं के लिए दीदी बाड़ी योजना (Didi Badi Scheme) भी है, जिससे जुड़कर लोगों के जीवन में काफी बदलाव आ रहा है.
महिलाओं इस योजना से जुड़कर खुद की पहचान बनाई है और अपने घर में समृद्धि लाई है. आइए आपको दीदी बाड़ी योजना से जुड़ी अधिक जानकारी देते हैं.
क्या है दीदी बाड़ी योजना (What is Didi Badi Scheme)
अगर गरीब परिवार की दीदी को अपने ही बाड़ी में खेती करना है, तो इस योजना के तहत मौसमी साग, सब्जी, फल और फूल का बीज दिया जाएगा. वे अपनी बाड़ी में खेती कर मनरेगा से मजदूरी प्राप्त करने के साथ उपज को बेचकर कमाई कर सकती हैं.
दीदी बाड़ी योजना का उद्देश्य (Objective of Didi Badi Scheme)
इस योजना के जरिए कुपोषण को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है, साथ ही बेरोजगारी को दूर करने का लक्ष्य बनाया गया है. यह योजना मनरेगा के तहत चलाई जा रही है. इस योजना के तहत अगले 6 महीने में लगभग 5 लाख परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया है. इस योजना के तहत लाभार्थी अपने घर के पास की जमीन पर 1 डिसमिल से लेकर 5 डिसमिल तक खेती कर सकते है. बता दें कि इसके तहत पोषणयुक्त सब्जियां लगाई जाएंगी.
दीदी बाड़ी योजना से लाभ (Benefits of Didi Badi Scheme)
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परिवार को पोषणयुक्त हरी सब्जियां खाने के लिए मिलेगी.
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अपनी सब्जियां बाजार में भी बेच पाएंगे.
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किसानों की आमदनी बढ़ेगी.
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लाभुक परिवारों को मनरेगा के तहत काम 100 दिन दिया जाएगा.
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महीने में 7 से 15 दिन ही वो काम करेंगे.
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स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी.
दीदी बाड़ी योजना से मिले बेहतर परिणाम (Didi Badi Yojana gives better results)
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो राज्य सरकारी की दीदी बाड़ी योजना (Didi Badi Scheme) से जुड़कर गढ़वा के बिर्बंधा पंचायत निवासी रीमा देवी की आर्थिक स्थिति में अच्छा सुधार हुआ. इस योजना की मदद से उन्होंने अपनी 5 डिसमिल जमीन पर पालक, बैंगन, गाजर मूली, मिर्च, कद्दू और करेला की सब्जी उगाई.
इन फसलों का अच्छा उत्पादन हुआ. उनका कहना है कि दीदी बाड़ी योजना से जुड़ने से पहले वह सब्जियां खरीद कर खाती थीं, जिसमें रोजाना 50 से 70 रुपए खर्च होते थे.
जानकारी के लिए बता दें कि गढ़वा की करवा पंचायत की संतरा देवी सफल किसानों में गिनी जाने लगी हैं. उन्होंने दीदी बाड़ी योजना (Didi Badi Scheme) के तहत अपने खेत में लगभग 60 किलो टमाटर, 100 किलो बैंगन, 80 किलो बंदगोभी, 8 किलो मिर्च और 30 किलो भिंडी का उत्पादन किया है. उन्होंने जैविक कीटनाशक और गोबर खाद का प्रयोग किया है, जिससे कम लागत में अच्छी फसल की पैदावार हुई.