देश के इन राज्यों में घने कोहरे और भारी बारिश का अलर्ट, जानें अगले 5 दिन कैसा रहेगा मौसम? Sesame Farming: किसानों के लिए बेहद लाभकारी है तिल की खेती, कम लागत में मिलता है बेहतरीन मुनाफा! ई-एनडब्ल्यूआर आधारित ऋण गारंटी योजना से कृषि क्षेत्र में होगा सुधार, किसानों की बढ़ेगी क्रय शक्ति Cow Breeds: दुनिया की 7 सबसे छोटी गायों की नस्लें: कम खर्च, ज्यादा मुनाफा! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक लौकी की इन 5 हाइब्रिड किस्मों से किसान बनेंगे मालामाल, कम लागत में मिलेगी डबल पैदावार!
Updated on: 28 January, 2025 12:00 AM IST
खुशखबरी! चाय की खेती के लिए ₹2.47 लाख तक का सहायतानुदान (Image Source: Pinterest)

Tea Farming Subsidy: बिहार सरकार ने किसानों को चाय की खेती/Cultivation of Tea करने के लिए एक बड़ी राहत दी है. अब राज्य के किसान चाय की खेती से जुड़ने के लिए प्रति हेक्टेयर 2.47 लाख रुपये तक का सहायतानुदान प्राप्त कर सकते हैं. यह कदम राज्य सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को विविध बनाने की दिशा में उठाया गया है. आइए आज के इस आर्टिकल में हम सरकार की इस बेहतरीन स्कीम से जुड़ी सभी जानकारी के बारे में यहां विस्तार से जानते हैं.

चाय की खेती का महत्व

बिहार में चाय की खेती का एक लंबा इतिहास रहा है और अब सरकार ने इसे और बढ़ावा देने के लिए इस अनूठे प्रस्ताव को लागू किया है. विशेष रूप से किशनगंज जिले में चाय बागानों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है. राज्य सरकार की यह पहल किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है, क्योंकि चाय की खेती से न केवल उनकी आय बढ़ सकती है, बल्कि यह रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर सकती है.

किसे मिलेगी सहायतानुदान?

यह सहायतानुदान उन किसानों को मिलेगा जो चाय की खेती करने के इच्छुक हैं और जिनके पास खेती के लिए उपयुक्त भूमि है. सरकार द्वारा प्रति हेक्टेयर ₹ 2.47 लाख की राशि किसानों को सहायता के रूप में दी जाएगी, जिससे उन्हें चाय बागान की शुरुआत करने में आर्थिक सहारा मिलेगा.

चाय का क्षेत्र विस्तार

चाय की खेती बिहार के कुछ प्रमुख जिलों में बढ़ाई जा रही है, जिनमें किशनगंज, अररिया, सुपौल, पूर्णिया, और कटिहार शामिल हैं. इन क्षेत्रों में चाय के बागानों के लिए अनुकूल जलवायु और मिट्टी पाई जाती है. इन जिलों में चाय की खेती से न केवल किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो सकती है.

बिहार की शान - किशनगंज की चाय बागान

किशनगंज जिले में चाय की खेती का क्षेत्र पहले से ही बढ़ रहा है और अब यह राज्य के प्रमुख चाय उत्पादक क्षेत्रों में शामिल हो गया है. यहां के चाय बागान बिहार की शान बन गए हैं, और इससे जुड़े किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है.

सरकार की पहल और वेबसाइट पर जानकारी

राज्य सरकार किसानों को चाय की खेती के लिए पूरी सहायता प्रदान कर रही है. अधिक जानकारी के लिए किसान कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं और योजना के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

English Summary: Chai vikas yojana bihar govt giving Tea Farming Subsidy up to Above Rs 2 lakh
Published on: 28 January 2025, 03:29 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now