Success Story: एवोकाडो की खेती से भोपाल का यह युवा किसान कमा रहा शानदार मुनाफा, सालाना आमदनी 1 करोड़ रुपये से अधिक! NSC की बड़ी पहल, किसान अब घर बैठे ऑनलाइन आर्डर कर किफायती कीमत पर खरीद सकते हैं बासमती धान के बीज बिना रसायनों के आम को पकाने का घरेलू उपाय, यहां जानें पूरा तरीका भीषण गर्मी और लू से पशुओं में हीट स्ट्रोक की समस्या, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 5 November, 2019 12:00 AM IST

बिहार सरकार जल्द ही राज्य के किसानों को मगही पान की खेती के लिए प्रोत्साहित करेगी. इसके लिए राज्य सरकार किसानों को शेडनेट में खेती करने के लिए 75 प्रतिशत की दर से अनुदान देगी. यहां पर 500 वर्गमीटर शेडनेट में पान की खेती ईकाई लागत 4.25 लाख रूपए है, इसमें 3.15 लाख रूपए तक का अनुदान मिलेगा. इससे किसानों को काफी हद तक आर्थिक सहायता मिल सकती है.

किसानों को मिल रहा प्रशिक्षण

यहां के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि यहां के नवादा, नालंदा, गया और मधुबनी के अलावा अन्य सभी 13 जिलो वैशाली, खगड़िया, दरभंगा, भागलपुर, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण, शेखपुरा, औरगांबाद, बेगुसराय, सारण, सीवान, और मुंगेर में पान की खेती करवाएगी. वर्ष 2019-20 में इस योजना में 500 वर्गमीटर का 100 इकाई लक्ष्य किया गया है.यहां पर इस्लामपुर में पान अनुसंधान केंद्र में कृषि अधिकारी किसानों को पान की खेती की तकनीक भी बताएंगे. किसानों को यहां पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.

मगही पान को जीआई टैग मिला

बता दें कि बिहार के मगही पान को जीआई टैग भी मिल चुका है, वर्ष 2019-20 में 286.46 लाख और 2020-21 में 53.2 लाख रूपए अनुदान पर खर्च का लक्ष्य है. उत्तर बिहार में पान की बंगाल किस्म और दक्षिण बिहार में बंगाल और मगही पान के किस्म की खेती की जाती है. मगही पान विभिन्न राज्यों के साथ दूसरे देश में भी निर्यात किया जाता है. यहां पर राज्य की जलवायु अधिक गर्म और ठँडी होने के कारण इसकी खेती खुले हुए खेतों में नहीं की जा सकती है.

किसानों को होगी बेहतर आमदनी

यहां पर शेडनेट का स्थाई संरचना का निर्माण, शेडनेट में माइक्रो इरिगेशन के तहत ड्रिप और फॉगर से पटवन की व्यवस्था करना है. इस योजना के कार्यान्वयन से पान की गुणवत्तायुक्त पत्तियों के उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी.इससे पान में लगने वाले कीट व्याधि के प्रकोप से भी बचाव होना. शेडनेट के भीतर परवल, पोई, पपीता, अरबी, मिर्च, लौकी, ककड़ी, पालक और अदरक आदि की मिश्रित खेती से किसानों को अतिरिक्त आमदनी होगी.

English Summary: Bihar government is giving such percentage subsidy on betel farming
Published on: 05 November 2019, 01:27 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now