Water Conservation Project: कृषि में सिंचाई की समस्या को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने सेंधवा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना/Sendhwa Micro Udvahan Sinchai Pariyojana शुरू की है. इस परियोजना का उद्देश्य जल स्रोतों से पानी उठाकर पाइपलाइनों के माध्यम से खेतों तक पहुंचाना है. आधुनिक माइक्रो इरिगेशन तकनीक/ Modern Micro Irrigation Techniques का उपयोग करते हुए यह परियोजना किसानों को कम पानी में अधिक क्षेत्र की सिंचाई का अवसर प्रदान कर रही है. जल की बचत, फसल उत्पादन में वृद्धि और कृषि लागत में कमी/Reduced Agricultural Cost जैसे लाभ इसे किसानों के लिए वरदान बना रहे हैं. छोटे और सीमांत किसानों के जीवन में यह परियोजना नई ऊर्जा और आत्मनिर्भरता की उम्मीद जगा रही है.
बता दें कि सेंधवा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना 1402.74 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही है, जिससे जिले के 98 गांवों में लगभग 44148.50 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी. इस परियोजना से लगभग 53 हजार किसान लाभान्वित होंगे. 2028-29 तक इसे 1 करोड़ हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. आइए आज के इस आर्टिकल में हम सरकार की इस अनोखी परियोजना के बारे में विस्तार से जानते हैं...
किसानों के लिए वरदान
यह परियोजना छोटे और सीमांत किसानों/Government Scheme for Small Farmers के लिए बेहद फायदेमंद है. जिन किसानों के पास सीमित संसाधन हैं, वे भी अब अपनी फसलों की सिंचाई/Irrigation of crops के लिए पर्याप्त पानी का उपयोग कर पा रहे हैं.
परियोजना का उद्देश्य
सेंधवा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना/sendhwa micro udvahan sinchai pariyojana का मुख्य उद्देश्य जल की कमी से जूझ रहे किसानों को राहत प्रदान करना है. इस परियोजना के तहत जल स्रोतों से पानी को खेतों तक पहुंचाने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है.
कैसे काम करती है परियोजना?
- जलाशयों और नदी स्रोतों से पानी को उठाने के लिए पंपिंग स्टेशन लगाए गए हैं.
- माइक्रो इरिगेशन सिस्टम के तहत पाइपलाइन के माध्यम से पानी सीधे खेतों तक पहुंचाया जाता है.
- इस प्रणाली से कम पानी में अधिक क्षेत्र की सिंचाई संभव हो पाती है.
सेंधवा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के लाभ
- जल की बचत: पारंपरिक सिंचाई की तुलना में माइक्रो सिंचाई से 30-50% तक पानी की बचत होती है.
- फसल उत्पादन में वृद्धि: फसलों को समय पर और पर्याप्त पानी मिलने से उत्पादन में वृद्धि हो रही है.
- कृषि लागत में कमी: ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम के उपयोग से किसानों की सिंचाई लागत में कमी आई है.
- पर्यावरण संरक्षण: जल संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित होने से पर्यावरण संरक्षण में मदद मिल रही है.
कैसे पाएं लाभ?
- परियोजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए किसान अपने नजदीकी कृषि विभाग/krishi vibhag या परियोजना कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं.
- पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद किसान इस योजना के अंतर्गत सिंचाई सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.
सरकार की यह पहल न केवल किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी सहायक है. यह परियोजना किसानों के जीवन में एक नई उम्मीद लेकर आई है.