देश में लोकसभा चुनाव को लेकर काउंट डाउन शुरू हो चुका है. ऐसे में केंद्र सहित राज्य सरकारें अन्नदाताओं को हर तरह से लुभाने की कोशिश कर रही हैं. किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार आए दिन कोई नई योजना की घोषणा करती है. इस बार हिमाचल प्रदेश में मोटे अनाज की बीज पर भारी सब्सिडी का ऐलान किया गया है. कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों को इस अनुदान से काफी फायदा मिलेगा. तो आइये जानें किसान को कितनी मिलेगी सब्सिडी व कैसे उठा सकते हैं इस योजना का लाभ.
कम हो रही है मोटे अनाज की खेती
हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग ने मोटे अनाज जैसे कि रागी, कोदरा, स्वांक, बाजरा और कुटकी के बीज पर 30 रुपये प्रति किलो का अनुदान देने की घोषणा की है. मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए इस तरह का फैसला लिया गया है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में मोटे अनाज की खेती धीरे-धीरे कम हो रही है. वहां के किसान ज्यादा फायदा के लिए दूसरी फसलों की ओर अपनी रुचि बढ़ा रहे हैं. राज्य में मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि विभाग कई जगहों पर जागरूकता अभियान भी चला रहा है.
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मोटे अनाज में कई गुण
मोटे अनाज हमारे शरीर को कई बीमारियों से बचाने का काम करते हैं. ये मधुमेह, खून की कमी और कोलेस्ट्रोल के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. रागी, कोदरा, स्वांक, बाजरा और कुटकी जैसे अनाज हमारे पाचन तंत्र को भी मजबूत रखते हैं. मोटे अनाज में आयरन और कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है. इसके अलावा, इसमें विटामिन बी3 भी पाया जाता है.
खेती में पानी की ज्यादा आवश्यकता
मोटे अनाज की खेती के लिए पानी की ज्यादा आवश्यकता होती है. इसलिए, इनके बीज की बुवाई मई-जून या मॉनसून के समय पर की जाती है. बरसात में आसानी से इनकी फसल को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल जाता है. हालांकि, इसकी खेती में ज्यादा खाद व कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता है. ऐसे में किसानों का काफी हद तक पैसा बचता है. बाजार में रागी, कोदरा, स्वांक, बाजरा और कुटकी के बीज की कीमत लगभग 200 रुपये प्रति किलो है. किसान नजदीकी कृषि विभाग में संपर्क पर सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें कुछ जरुरी दस्तावेज भी देने होंगे. जिसकी जानकारी विभाग द्वारा दी जाएगी. हिमाचल सरकार का यह अनुदान किसानों की आय बढ़ाने में बड़ी मदद करेगा.