पपीता अपने आप में ही एक औषधिय पौधा है. इसके फल से लेकर पत्ते डेंगू जैसी भयानक बीमारी में कारगर साबित होते हैं. इसके साथ ही पपीते में उच्च स्तर के एंटीऑक्सिडेंट विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन ई होते हैं, जो कि हृदय रोग के जोखिम को कम करते हैं. ऐसे में सोचिए अगर बाजार में इसकी मांग को देखते हुए इसका उत्पादन किया जाए, तो आपको कितना मोटा मुनाफा मिलेगा. बता दें कि बिहार सरकार पपीते के खेती शुरू करने पर 75 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है.
पपीते के खेती के लिए 75 फीसदी सब्सिडी
राज्य सरकार व केंद्र सरकार किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं लेकर आती है. ऐसे ही बिहार सरकार एकीकृत बागवानी मिशन के तहत पपीते के खेती करने पर प्रति एकड़ 75 फीसदी की सब्सिडी दे रही है.
बिहार कृषि विभाग के आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट में इसकी जानकारी साझा की गई है, जिसमें कहा गया है कि “पपीता की खेती करने वाले किसानों के लिए सुनहरा मौका, एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) योजना के अंतर्गत पपीता प्रति इकाई के लिए सरकार 75% का अनुदान दे रही है. अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क करें.”
इस योजना का लाभ पाने के लिए किसान आधिकारिक वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in में जाकर अपना आवेदन फॉर्म भर सरते हैं.
पपीते के फायदे (Benefits of Papaya)
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पपीते में एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा काफी अधिक होती है. एंटीऑक्सिडेंट कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को रोकते हैं.
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शुगर लेवल व वजन को नियंत्रित रखने में कारगर है.
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आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए चिकित्सक भी पपीता खाने की सलाह देते हैं.
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महिलाएं मासिक धर्म के दौरान इसका सेवन कर सकती हैं, जिससे उस दौरान होने वाला दर्द कम होगा.
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इसके साथ ही पपीते के पत्तों का जूस भी सेहत के लिए बेहद लाभदायक माना जाता है. डेंगू बूखार में प्लैट्स को बढ़ाने में बेहद कारगर है.