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पशुपालकों के लिए दूध की चक्की मशीन की जानकारी, सरकार दे सकती है 50 प्रतिशत की सब्सिडी

आज के दौर में गाय पालन, दूध उत्पादन व्यवसाय या डेयरी फार्मिंग छोटे और बड़े, दोनों स्तर पर विस्तार से फैला हुआ है. इस व्यवसाय में कई तरह के उपकरणों का इस्तेमाल होता है. ऐसे में बाजार में तमाम आधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं, जिनके द्वारा पशुपालकों को डेयरी फार्मिंग में काफी सहायता मिलती है. इसी कड़ी में पशुपालकों में दूध की चक्की को लेकर रुचि काफी कम दिखाई दे रही है. इसके लिए हरियाणा के लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की तरफ से सीएम को एक प्रस्ताव भेजा गया है. इस प्रस्ताव में दूध की चक्की पर सब्सिडी देने की मांग की है. इससे पशुपालक दूध से उत्पाद बनाकर बेचने के लिए प्रेरित होंगे. इसके अलावा उनकी आमदनी में भी इजाफ़ा हो पाएगा.

कंचन मौर्य
कंचन मौर्य
Dairy farming

आज के दौर में गाय पालन, दूध उत्पादन व्यवसाय या डेयरी फार्मिंग छोटे और बड़े, दोनों स्तर पर विस्तार से फैला हुआ है. इस व्यवसाय में कई तरह के उपकरणों का इस्तेमाल होता है. ऐसे में बाजार में तमाम आधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं, जिनके द्वारा पशुपालकों को डेयरी फार्मिंग में काफी सहायता मिलती है. इसी कड़ी में पशुपालकों में दूध की चक्की को लेकर रुचि काफी कम दिखाई दे रही है. इसके लिए हरियाणा के लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की तरफ से सीएम को एक प्रस्ताव भेजा गया है. इस प्रस्ताव में दूध की चक्की पर सब्सिडी देने की मांग की है. इससे पशुपालक दूध से उत्पाद बनाकर बेचने के लिए प्रेरित होंगे. इसके अलावा उनकी आमदनी में भी इजाफ़ा हो पाएगा.

दरअसल लुवास ने दूध से आइसक्रीम, पनीर, फ्लेवर्ड मिल्क जैसे प्रोडक्ट तैयार करने के लिए एक मशीन का निर्माण किया है. इस मशीन का नाम दूध की चक्की रखा गया है. इस मशीन को एक  बस में लगाया गया है. यह बस महेंद्रगढ़ जिले के गांवों में पशुपालकों को जागरुक कर रही है कि वह दूध से बने उत्पाद को बाजार में लेकर आएं. इसी दौरान करनाल में पशु मेला आयोजित हुआ. इस मेले में लुवास ने स्टॉल लगाया, जहां हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर आए. सीएम ने इस मशीन से बनी दूध बर्फी और पनीर को खाया. इसके बाद सीएम मनोहर लाल और कृषि एवं पशु पालन मंत्री जेपी दलाल ने दूध की चक्की की जानकारी ली. मगर पशुपालकों के सामने समस्या है कि वह दूध की चक्की मशीन में इतनी बड़ी रकम निवेश नहीं कर सकते. अगर सरकार इस मशीन पर सब्सिडी और मार्केटिंग में सहयोग करती है, तो पशुपालकों को काफी मदद मिल जाएगी.

दूध की चक्की मशीन पर सब्सिडी

लुवास ने सुझाव दिया है कि अगर पशुपालकों को दूध की चक्की मशीन पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाए, तो वह इस मशीन को बहुत आसानी से खरीद सकते हैं. इससे पशुपालकों को खोवा, घी, पनीर, कुल्फी, क्रीम और दूध का केक टेस्टिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी.

इतना आता है खर्च

दूध की चक्की मशीन को स्थापित करने में लगभग 5 पांच लाख रुपये का खर्च आता है. इस खर्च को पशुपालन आसानी से वहन नहीं कर सकता है, इसलिए लुवास ने सरकार से दूध की चक्की मशीन पर सब्सिडी देने का प्रस्ताव रखा है. अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाए, तो पशुपालकों को अपने दूध के प्रोडक्ट के लिए मार्केटिंग सपोर्ट मिल जाएगा. इससे पशुपालकों की आमदनी दोगुनी हो सकती है.

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English Summary: haryana government can give 50 percent subsidy on milk mill machine Published on: 17 March 2020, 11:14 IST

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