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हरे गेहूं से किसान हो रहे मालामाल, यहां बिक रही लहलहाती फसल

देश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए हर एक संभव कोशिश की जा रही है. खेती से ज्यादा मुनाफा हासिल करने के लिए नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं. इस बीच खेतों में खड़ी लहराती गेहूं की फसल काटने से मुनाफे का मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है जो काफी लाभदायक साबित हो रहा है.

राशि श्रीवास्तव
हरे गेहूं से हों मालामाल
हरे गेहूं से हों मालामाल

देश में हर कोई यह बात जानकर हैरान है कि हरी खड़ी गेहूं की फसल को काटकर किसान मोटा मुनाफा कमा सकते हैं और हां यह सच भी है कि किसान हरी खड़ी गेहूं की फसल को बेच रहे हैं इतना ही नहीं बिना किसी परेशानी के मालामाल हो भी रहे हैं.

दरअसल महाराष्ट्र में हरी फसल बिक रही है खेतों में लहलहाती गेहूं की हरी फसलों को मशीनों से कटाई कर रोलपैक किया जा रहा है. ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर हरी गेहूं की फसल कहां बेची जा रही है और कैसे किसान मालामाल हो रहे हैं आईये जानते हैं इन सवालों से जुड़ी पूरी जानकारी.

यहां बिकती हरी फसल

विदिशा के गांवों में इन दिनों महाराष्ट्र की एक निजी कंपनी ने किसानों की हरी फसल खरीदना शुरू कर दिया है. गेहूं की लहलहाती फसल को कंपनी खरीदकर काट रही है, नरवाई सहित रोलपैक करके बाहर भेज रही है. विदिशा तहसील के आसपास सांकलखेड़ा कला और देवखजूरी में निजी कंपनी के ट्रेक्टर, मशीने देखी जा रही हैं.  

हरी फसल का रोलपैक

किसानों के मुताबिक कंपनी हरी फसल को नरवाई सहित रोपर जैसी कटाई कर रही है. करीब दो घंटे बाद कटी फसल पर कोई कैमिकल का छिड़काव करते हैं. फिर बालियों सहित नरवाई लगी फसल को रोलपैक कर रहे हैं. जबकि इस रोलपैक को एयरटाइट पॉलीथिन के संबंध में कृषि उपसंचालक केएस खपेड़िया से कोई जानकारी नहीं है जो पूरे मसले से अज्ञान हैं. 

ऐसे हो रही खरीददारी

किसानों का कहना है कि निजी कंपनी के कर्मचारी खेत की पैदावार और फसल की मौजूदा स्थिति देखकर भाव तय करते हैं 10 क्विंटल गेहूं का सौदा लगभग 20 हजार रुपये में किया जा रहा है. किसानों को फसल पकने के पहले ही दाम मिल रहे हैं साथ ही कटाई से लेकर साफ करने की परेशानी से निजात मिल रही है. इसलिए किसान मुनाफे के सौदे में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. 

गेहूं को हरा बेचने पर नुकसान

मुनाफे को देखते हुए किसान हाथोहाथ निजी कंपनी को खेतों में खड़ी गेहूं की फसल बेचने में रुचि दिखा रहे हैं, लेकिन ज्यादातर किसान कच्ची फसल बेचने से साफ इनकार भी कर रहे हैं जो कि फसल पकने के बाद बेचना सही मान रहे हैं. 

सरकार स्तर पर नहीं हो रही पहल

वहीं कंपनी की ओर की जा रही खरीदी को लेकर अधिकारियों का कहना है कि सरकारी स्तर पर ऐसी कोई पहल नहीं हुई है और जिले के अधिकारियों को भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं. लेकिन कंपनी के एजेंट किसान के खेत पर पहुंच रहे हैं और मौका मुआयना कर गेहूं की हरी फसल को किसानों से खरीद रहे हैं.

English Summary: Farmers are getting rich from green wheat, swaying crop is being sold here Published on: 26 March 2023, 11:28 AM IST

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