जिस तरह से आए दिन मौसम में परिवर्तन दिखाई दे रहा है, कभी धूप तो कभी बारिश के साथ ओले, आम आदमी के लिए बाजार थोड़ा महंगा पड़ सकता है. जी हां, हम बात कर रह…
अब क्या ही कहे साहब! अब बस यह कहने को भर को ही कृषि प्रधान देश रह गया है. यहां किसानों की व्यथा कोई सुनने वाला नहीं बचा है. यहां कोई नहीं है, ऐसा जो उ…