Weather Update: आज इन 7 राज्यों में होगी बारिश, IMD ने जारी की चेतावनी, जानें आपके शहर का मौसम पूर्वानुमान! महिंद्रा फार्म इक्विपमेंट बिजनेस ने सितंबर 2025 में दर्ज की 50% वृद्धि, घरेलू बिक्री 64,946 ट्रैक्टर तक पहुंची एनएचआरडीएफ द्वारा पांच दिवसीय मशरूम उत्पादन ट्रेनिंग प्रोग्राम का सफल समापन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 24 March, 2021 3:10 PM IST
Organic Farmer Dharmendra Nagar

कृषि जागरण के सभी पाठकों और दर्शकों को शुभकामनाएं देते हुए सफल किसान धर्मेंद्र नागर ने कृषि जागरण के एफटीबी प्लेटफॉर्म पर अपने एग्री बिजनेस के बारे में वीडियो के जरिए बताया. उन्होंने बताया कि वह राजस्थान के बूंदी जिले के गणेशपुरा गाँव से हैं. वह 2016 से खेती कर रहे हैं और विभिन्न किस्मों और तकनीकों के सहारे नया करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह चिया, क्विनोआ, काले चावल और पैगम्बरी गेहूँ उगते हैं, जिसके लिए वह खेती में बहुत मेहनत करते हैं.

उन्होंने बताया कि पैगम्बरी गेहूँ शुगर फ्री है, इसलिए बेचने के लिए बहुत अच्छा है. वह बाजार में बेचने से पहले अपने उत्पादों का पैकेजिंग करते हैं. उदाहरण के लिए, चिया की पैकेजिंग के करने के बाद, चिया को स्थानीय किसानों या किसी को भी खरीदने में दिलचस्पी होती है. वह अपने उत्पादों को ऑनलाइन भी बेचते हैं और वह ऑर्डर पर कूरियर या पोस्ट के माध्यम से भी भेजते हैं.

धर्मेंद्र नागर ने बताया कि वह खेती से काफी खुश हैं, क्योंकि वह खेती के सहारे अपनी आय को तीन गुना करने में सक्षम हैं और कई पत्रिकाएं और मीडिया समूह उन्हें अपनी उपलब्धियों और खेती में सफलता के बारे में, विशेष रूप से उनकी खेती के तरीकों के बारे में इंटरव्यू लेने  के लिए आ चुकी हैं. धर्मेंद्र नागर ने गर्व के साथ बताया कि अच्छी खेती के लिए आईसीएआर ओसीपी फाउंडेशन ने उन्हें कृषि विज्ञान पुरस्कार से भी सम्मानित किया है.

Organic Farmer Dharmendra Nagar

नागर ने बताया कि वह खेती के लिए पारंपरिक और जैविक तरीकों का पालन कर रहे हैं और उत्पादकता के मामले में अच्छे परिणाम प्राप्त कर रहे हैं और कभी भी रसायनों का इस्तेमाल खाद या कीटनाशक के रूप में नहीं करते हैं. उनकी रासायनिक मुक्त उपज की बाज़ारों में बहुत अच्छी मांग है और ग्राहक भी इन उत्पादों से संतुष्ट हैं.

उक्त बातों का उल्लेख करने के बाद धर्मेंद्र नागर ने एक बैग से पैकेट निकाला और वीडियो में 1 किलोग्राम के पैकटों को दिखाया. इस दौरान उन्होंने हमें चिया और काले चावल के 1 किलोग्राम पैकेट दिखाए. उनके काले चावल अक्सर किसानों द्वारा बीज के रूप में खरीदे जाते हैं, क्योंकि वे फसलों को उसी तरह से उगाना चाहते हैं जिस तरह से उनके पास है. उन्होंने कहा कि वह जो कमाते हैं उससे संतुष्ट हैं.

धर्मेंद्र ने बताया कि वह इस साल भी पैगम्बरी गेहूं उगा रहें हैं, जिसकी मीडिया में भी खबरें हैं. यह गेहूं फाइबर युक्त है और अपने अच्छे स्वाद के लिए जाना जाता है. यह देसी किस्म है और उन्होंने मध्य प्रदेश से इसका बीज मंगवाया है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष अपने खेतों में गेहूं की इस किस्म की उत्पादकता के बारे में हम जानेंगे और इस गेहूं को खाएँगे. यदि परिणाम संतोषजनक रहा तो हम अपने साथी किसानों को भी गेहूं की इस किस्म की बुवाई करने हेतु  सिफारिश करेंगे. वीडियो देखने के लिए, लिंक पर क्लिक करें.

English Summary: Rajasthan's organic farmer Dharmendra Nagar became award winner while doing Continuous Learning
Published on: 24 March 2021, 03:28 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now