आजकल कृषि की कई ऐसी नई तकनीक विकसित हो गई हैं, जिसको अपनाकर किसान बहुत अच्छी तरह खेती कर सकते हैं और फसल का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. मगर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ (Meerut) जिले में किसान देशी तकनीक से विदेशी सब्ज़ियों (Foreign Vegetables) उगा रहे हैं. आइए आपको इन किसानों की सफलता की कहानी बताते हैं.
चाचा भतीजे का दिमाग चलता है कम्प्यूटर से तेज़
ये कहानी मेरठ के चाचा भतीजे की है, जो साल 2017 तक आईटी सेक्टर में नौकरी किया करते थे, लेकिन खेती में उनका दिमाग कम्प्यूटर से भी तेज़ चलता है. जब यह आईटी सेक्टर की नौकरी से उब गए, तो इनका मन वापस गांव लौटने का किया. इसके बाद चाचा भतीजे से माइक्रोसॉफ्ट जैसी कम्पनी में नौकरी छोड़कर अपने गांव का रुख कर लिया.
देशी धरती पर उगाईं विदेशी सब्ज़ियां उगा
चाचा भतीजे ने साल 2017 में नौकरी छोड़ने के बाद अपने दिमाग का इस्तेमाल किया और खेती करना शुरू कर दिया. इसके बाद चाचा भतीजे ने देशी धरती पर विदेशी सब्ज़ियां (Foreign Vegetables) उगा डालीं. मौजूदा समय में चाचा भतीजे की उगाई गई विदेशी सब्ज़ियां दिल्ली के बाज़ार में हाथों हाथ बिक रही हैं. उन्हें खेती से इतना अच्छा मुनाफा हो रहा है कि वह अन्य लोगों को भी रोज़गार मुहैया करा रहे हैं.
इन सब्जियों की कर रहे खेती
चाचा भतीजे, दोनों मिलकर धनिया, टमाटर, पुदीना, शिमला मिर्च, खीरा, पालक, मटर, लौकी, बैंगन और भिंडी की खेती कर रहे हैं. वह बिना किसी केमिकल की मदद से ऑर्गेनिक तरीके से सब्जियां उगा रहे हैं, साथ ही विदेशी सब्ज़ियां (Foreign Vegetables) जैसे- चाइनीज़ कैवीज़, ब्रोकली, चेरी टमाटर, लेमन ग्रास, केल और पार्सले का भी उत्पादन किया है. उनका पॉलीहाउस काफी ख़ूबसूरत है, जिसे दूर-दूर से लोग देखने आते हैं. लोगों का कहना है कि चाचा-भतीजे ने देशी धरती पर ऑर्गेनिक सोना उगा रखा है.
किसानों को चाचा-भतीजे की सलाह
चाचा-भतीजे किसानों को सलाह देते हैं कि अगर देश का अन्नदाता शिक्षित हो जाए, तो सोने पर सुहागा हो सकता है. उन्होंने पीएम मोदी से अपील की है कि देश के किसानों को शिक्षित करने के लिए एक मिशन तैयार किया जाए. इससे हम फिर से सोने की चिड़िया बन पाएंगे.