उत्तर प्रदेश के किसानों (UP Farmers) के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, क्योंकि जल्द ही किसानों से गेहूं की खरीद की जाएगी. दरअसल, राज्य सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है कि किसानों से रबी सीजन की फसल के तहत गेहूं 1 से 15 अप्रैल तक सीधे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जाएगा. यूपी सरकार (UP Government) ने ऐलान किया है कि इस साल गेहूं का एमएसपी 1975 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है.
गेहूं बेचने के लिए करना होगा रजिस्ट्रेशन
फूड कमिश्नर का कहना है कि किसानों को गेहूं बेचने के लिए पहले खाद्य और रसद विभाग की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन (Registration For Selling Wheat) कराना अनिवार्य होगा. इस रजिस्ट्रेशन की शुरुआत की जा चुकी है. अगर किसान चाहें, तो खुद भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं या फिर जन-सुविधा केंद्र पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
खरीद के लिए बने केंद्र
इस साल गेहूं की खरीद के लिए लगभग 6 हजार केंद्र बनाए गए हैं, जहां गेहूं की खरीद की जाएगी. इन खरीद केंद्रों के खुलने का समय सुबह 9 बजे से शाम को 6 बजे तक का रहेगा. इस दौरान किसान पहुंचकर अपने गेंहू की फसल आसानी से बेच सकते हैं.
गेहूं बेचने के लिए ऑनलाइन टोकन व्यवस्था
किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन टोकन की व्यवस्था भी गई है. किसान अपनी सुविधा के अनुसार खरीद केंद्र पर गेंहू बेचने के लिए टोकन ले सकते हैं. इस दौरान किसानों को परेशानी न हो, इसके लिए खरीद केद्रों की रिमोट सेंसिंग एप्लिकेशन सेंटर के जरिए की जा रही है. इसके अलावा गेंहूं की खरीद में पारदर्शिता के लिए ‘इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज’ के जरिेए खरीद की जाएगी. इतना ही नहीं, किासनों का अंगूठा भी लगावाया जाएगा.
अगर किसान खुद गेहूं बेचने के लिए खरीद केंद्र नहीं जा सकते हैं, तो वह अपने परिवार के किसी दूसरे सदस्य को भी भेज सकते हैं. जिस भी सदस्य को किसान नामित करेगा, उसका व्यौरा रजिस्ट्रेशन में होना अनिवार्य है. इसके साथ ही उस सदस्य का भी अधार प्रमाणित होगा.
ज्यादा गेहूं बचने के लिए नियम
अगर किसान को 100 क्विंटल से ज्यादा गेहूं बेचना है, तो इसके लिए चकबंदी के तहत गांव और बटाईदारों का वेरिफिकेशन उप-जिलाधिकारी करेगा. अगर किसान से गेहूं की खरीद नहीं की जा रही है, तो किसान तहसील स्तर पर काम कर रही रीजनल मार्केटिंग ऑफिसर की अध्यक्षता में गठित समिति के सामने अपील कर सकता है.