कृषि और किसान कल्याण विभाग ने पहले फसलों में होने वाली बीमारियों से सम्बंधित कीटनाशक दवाओं के साथ खाद और बीज विक्रेताओं के लिए डीएईएसआई (डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विस फार इनपुट डीलर्स प्रोग्राम) का एक वर्ष का डिप्लोमा या फिर बीएससी एग्रीकल्चर की डिग्री का होना अनिवार्य कर दिया था.
लेकिन अब ऐसा नहीं है. दरअसल उत्तर प्रदेश के लखीमपुर के जिला कृषि अधिकारी सत्येंद्र सिंह के मुताबिक, खाद और बीज की दुकान खोलने की राह में अब डिग्री आड़े नहीं आएगी. अगर 10वीं पास युवा भी खाद-बीज की दुकान का लाइसेंस लेना चाहते है तो वो इसे आसानी से प्राप्त कर सकेंगे. हालांकि इसके लिए उन्हें कृषि विभाग में 15 दिन की ट्रेनिंग करनी होगी.
नए नियमों के मुताबिक कृषि स्नातक युवाओं के साथ-साथ 10वीं पास युवा भी कृषि विभाग से लाइसेंस प्राप्त कर खाद एवं बीज विक्रेता बनने का लाइसेंस आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. ऐसे युवाओं को उप निदेशक कृषि प्रसार के कार्यालय से 15 दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा. इसके बाद उन्हें खाद बीज बिक्री का प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा. आपको बता दे कि, भारत सरकार ने नियमों में संशोधन के साथ ही प्रशिक्षण के लिए अलग से पाठ्यक्रम भी तय किया है. जिसमें खाद की बिक्री के बारे में अच्छे से जानकारी दी जाएगी.
पहले आओ, पहले पाओ
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि खाद एवं बीज विक्रेता का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए एक सामान्य आवेदक का उम्र 18 से 45 वर्ष के बीच होना अनिवार्य है. हालांकि राज्य, केंद्र, बोर्ड या निगम से सेवानिवृत कर्मचारी की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष है. एक बैच में 30 से 35 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा.
प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए 'पहले आओ,पहले पाओ' के आधार पर आवदेकों को वरीयता दी जाएगी.