आज तक हमारे किसान भाईयों ने ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) के बारे में सुना या पढ़ा होगा, लेकिन क्या आपने कभी ड्रैगन फ्रूट देखा है या फिर इसके बारे में थोड़ी बहुत जानकारी ली है. अगर नहीं, तो आज कृषि जागरण अपने किसान भाईयों के लिए ड्रैगन फ्रूट की जानकारी लेकर आया है.
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) एक विदेशी फल है, जो कि थाईलैंड में पाया जाता है. इसे सुपर फ्रूट, पिताया या स्ट्रॉबेरी पीयर भी कहा जाता है. इसके बारे में जानने वाली बात यह है कि ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की खेती अब भारत में भी होने लगा है और उससे भी अच्छी और बड़ी बात यह है कि अब उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के किसान भी ड्रैगन फ्रूड की खेती (Dragon Fruit Cultivation) कर सकेंगे. इसकी खेती से किसानों की आय को बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी. दरअसल, जिले के किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Cultivation) करने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी. आइए आपको इस संबंध में और अधिक जानकारी देते हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि बरसात को छोड़कर पूरे साल ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए जा सकते हैं. इसकी खेती अमेरिका, वियतनाम और थाईलैंड, मलेशिया जैसे कई देशों में की जाती है. भारत में इसकी खेती गुजरात, यूपी, एमपी, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में होने लगी है.
ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए मिलेगी सब्सिडी (Subsidy will be available for cultivating dragon fruit
आपको बता दें कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत जिले में 2 हेक्टेयर में ड्रैगन फ्रूट की खेती कराने का लक्ष्य तय किया गया है. इसके लिए किसानों को कुल लागत का 50 प्रतिशत यानी ढाई लाख रुपए की सब्सिडी प्रदान की जाएगी. बता दें कि किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा, इसके लिए किसान संबंधित विभाग से संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा जिले में 7 हेक्टेयर में अमरूद और 10 हेक्टेयर में आम और 4 चार हेक्टेयर में गेंदा लगाने का लक्ष्य तय हुआ है. इच्छुक किसान विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. आइए आपको अब ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Cultivation) से जुड़ी जानकारी देते हैं.
किसानों को सीधे खाते में मिलेगी सब्सिडी (Farmers will get subsidy directly in the account)
जिला उद्यान विभाग की मानें, तो इस योजना का लाभ पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर मिलेगा. इसके लिए किसानों का चयन किया जाएगा और सब्सिडी की राशि सीधे चयनित किसानों के बैंक खाते में भेजी जाएगी.
ड्रैगन फ्रूट की खेती से जुड़ी जानकारी (Dragon fruit farming information)
यह कैक्टस प्रजाति का फ्रूट है, जिसमें पानी की खपत काफी कम होती है. इसके पौधे में कीड़े नहीं लगते हैं. खास बात यह है कि इसकी विदेशों में काफी अच्छी मांग है, इसलिए इस फल की कीमत भी अधिक मिलती है. यह फ्रूट सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें काफी मात्रा में एंटीऑक्सी डेंट पाया जाता है. इसके अलावा विटामिन सी, प्रोटीन और कैल्शियम भी होता है. यह फ्रेट कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल, कोशिकाओं और ह्रदय की सुरक्षा तके लिए काफी अच्छा माना जाता है. इसका सेवन कई बीमारियों से चुटकारा दिलाता है.
ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें? (How to Cultivate Dragon Fruit?)
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इसकी खेती के लिए सबसे पहले जमीन की जुताई करनी पड़ती है.
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इसके बाद ड्रैगन फ्रूट के पौधे को खेत लगाना पड़ता है.
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ध्यान रहे कि इसे लगाने से पहले एक 6 फुट लंबी आरसीसी पोल लगाने होते हैं.
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हर पौधे के बीच कम से कम 6 फुट की दूरी होनी चाहिए.
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इसकी सिंचाई में ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है.
कितने में मिलते हैं ड्रैगन फ्रूट के पौधे (Dragon Fruit Plant Price)
बाजार में इसका पौधा करीब 60 रुपए से लेकर 200 रुपए तक में मिल जाता है. इसकी कीमत इस पर निर्भर होती है कि पौधा कितना पुराना है. अगर 3 साल पुराना पौधा लगाते हैं, तो इसकी उपज जल्दी मिलती है.
मानसून में तैयार होता है ड्रैगन फ्रूट का पौधा (Dragon fruit plant is prepared in monsoon)
मानसून में ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) तैयार होता है. बता दें कि मानसून के 4 महीने में हर 40 दिनों के अंतराल में फल पकते हैं. इसका एक फल का वजन औसतन 100 से 300 ग्राम तक होता है. इसका एक बार पेड़ 40 साल तक फल देता है.
ड्रैगन फ्रूट की खेती से कमाई (Earning from dragon fruit farming)
ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) इयूनिटी बूस्टर है, इसलिए यह 500 रुपए किलो तक बिकता है. किसान इसकी खेती कर सालाना लाखों रुपए कमा सकते हैं.
कृषि जागरण ने ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Cultivation) को लेकर आलोक खरे, अधीक्षक, जिला उद्यान, लखनऊ बातचीत की, जिन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में पहली बार ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Cultivation) कराने का लक्ष्य तय किया गया है. इसके आधार पर ही जिले के किसानों को सब्सिडी प्रदान की जा रही है. उन्होंने बताया कि किसान जिनते हेक्टेयर और जितनी लागत में ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Cultivation) करते हैं, उसके आधार पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी. इसकी खेती से होने वाले मुनाफे को लेकर उनका कहना है कि कई किसानों ने इसकी खेती की है, जिसका अच्छा परिणाम सामने आय़ा है. वैसे इसकी खेती से होने वाले मुनाफे का पता तब चलेगा, जब किसानों को इसकी खेती कर उपज प्राप्त होने लगेगी.