हरियाणा (Haryana) एक ऐसा राज्य है, जो कृषि और डेयरी, दोनों क्षेत्र में अपना लोहा मनवा चुका है. ये राज्य हर क्षेत्र में सबसे आगे रहने की कवायत करता रहता है और अब बारी मत्स्य पालन (Fisheries) की है. दरअसल, हरियाणा मत्स्य पालन (Fisheries) में सबसे आगे रहने का प्लान तैयार कर रहा है.
क्या है मत्स्य पालन के लिए प्लान (What is the plan for Fisheries)
हरियाणा सरकार (Haryana Government) के मत्स्य पालन मंत्री जेपी दलाल ने बताया है कि राज्य में लगभग 58 हजार हैक्टेयर क्षारीय भूमि में सुधार करके तालाब बनाए जा रहे हैं. इस तरह मत्स्य पालन (Fisheries) को बढ़ावा दिया जाएगा. बता दें कि राज्य सरकार द्वारा विभाग को मत्स्य पालन के लिए झिंगा सेंटर तैयार को कहा है. इसके साथ ही मत्स्य (Fisheries) टैंक की देख-रेख समेत मार्किट को विकसित करने के लिए कहा गया है.
कहां है मछली पालन में हरियाणा (Where is Haryana in Fisheries)
आपको बता दें कि राज्य में पिछले वर्ष लगभग 18207.56 हैक्टेयर भूमि पर लगभग 203160.11 मिट्रिक टन मछली पालन (Fisheries) किया जा चुका है. इसको आगे और बढ़ाया देना है, इसलिए सरकार इस नीति पर काम कर रही है. अगर हरियाणा में मछली उत्पादकता (Fisheries) की बात करें, तो राष्ट्रीय औसत 3-5 मीट्रिक टन की तुलना में 9.6 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर प्रति वर्ष है. इस तरह कहा जा सकता है कि राज्य के किसानों का रुझान मत्स्य पालन (Fishing) की तरफ भी है.
आरएएस तकनीक पर जोर (Emphasis on RAS technology)
मत्स्य उत्पादन के जरिए किसानों की आमदनी दोगुना (Income doubling) करने के लिए लगभग 34 आरएएस (रिसर्कुलर एक्वाकल्चर सिस्टम) इकाइयों की स्थापना की गई है. यह एक नया तरीका है, जिससे मछली पालन (Fisheries) किया जाएगा. इसके तहत पानी के खुले टैंकों, तालाबों, नदियों और जलाशयों में मछली पालन (Fisheries) किया जाएगा. बता दें कि यह पारंपरिक विधि की बजाय नियंत्रित वातावरण में पानी के सीमित उपयोग से इन्डोर टैंकों में मछली पालन करने का तरीका है.
कितना होगा बीज उत्पादन (How much will be the seed production)
हरियाणा में लगभग 15 सरकारी मत्स्य बीज फार्मों ऐसे हैं, जहां उन्नत और गुणवत्तापूर्ण बीज तैयार किया जा रहे हैं. मत्स्य बीज उत्पादन आनुवंशिक रूप से 1828 लाख हुआ है. इसके लिए 2 बड़ी पेलेटेड फीड मिलें स्थापित की गई हैं, जो कि चरखी दादरी व करनाल में हैं. माना जा रहा है कि जल्द ही केंद्रीय मंत्री के पास मत्स्य पालन (Fisheries) के लिए योजनाएं बनाकर भेजी जाएंगी, ताकि मत्स्य पालन करने वाले किसानों को योजनाओं का लाभ मिल सके.