उस नगर के सम्मानित परिवार के लड़के का प्रेम विवाह रचाना मोहल्ले वालों के लिए नई बात थी, दूसरी नई बात थी अंतर्धार्मिक विवाह. चूँकि लड़का प्रतिभाशाली था और वहाँ का पहला लड़का था जो अमरीका पहुँचा था, इसलिए लड़के द्वारा पिता के मार्फत जान-पहचान वालों को समझाने के लिए दिए गए तर्क असरकारी साबित हुए. कट्टरपंथियों ने भी धर्म-प्रसार की घुट्टी पीकर रोना बंद कर दिया.
आज लड़के को विदेशी बहू को लेकर पहली बार घर पधारना था. हाथ में माला और फूल लिए परिवार सहित कई लोग इंतजार में खड़े थे. दूर से आती कार दिखते ही हलचल शुरू हो गई. कार पास में आकर रुकी और सबसे पहले लड़का ही बाहर निकला. बुजुर्गों का अभिवादन करने के साथ-साथ उसने दूसरी तरफ घूमकर जब कार का दूसरा दरवाजा खोला तो सब की नजर विदेशी बहू पर पड़ी.
कइयों के हाथ से माला और फूल फिसल गए तो कइयों की मुस्कान ढीली हो गई, कुछ एक दूसरे को कुहनियाँ मारने लगे और कनखियों से एक-दूजे को देख व्यंग्यात्मक मुस्कान बिखेरने लगे. उनके मन में बसी गोरी विदेशी बहू की छवि को एक अश्वेत लड़की देख बड़ा धक्का लगा. दूसरी तरफ सबकी दशा भाँपकर लड़के के मन में 'काले-गोरे का भेद नहीं हर दिल से हमारा नाता है...' के आदर्श वाली मूर्ति पर छैनियाँ और हथौड़े चल रहे थे.