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Updated on: 16 January, 2025 12:00 AM IST
लीची में फूल आने से पहले भूलकर भी ना करें ये 20 काम (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Tips For Litchi Crop: लीची को फलों का रानी कहा जाता है और यह उत्तर भारत में अत्यधिक लोकप्रिय है. इसकी सफल खेती और फूल आने की प्रक्रिया जलवायु परिस्थितियों, मिट्टी की गुणवत्ता और सही प्रबंधन प्रथाओं पर निर्भर करती है. लीची के फूल आने की प्रक्रिया में तापमान का अत्यधिक महत्व है. लीची के पेड़ों के विकास लिए 24°C से 30°C का तापमान अनुकूल होता है. फूलों के विकास के लिए 10°C से 15°C तक का न्यूनतम तापमान और 30°C से अधिक न होना उपयुक्त है. फूल आने के समय उपयुक्त तापमान 20 से 22°C है. फूल आने के समय न्यूनतम तापमान 15°C से कम होने पर फूल आने में देरी हो सकती है. फूल निकलते समय 35°C से अधिक तापमान फूलों के झड़ने (flower drop) का कारण बनता है. अभी लीची मे फूल आने मे लगभग एक से डेढ़ महीने शेष है, इस महीने मे निम्नलिखित कार्य नहीं करने चाहिए...

1. गहरी सिंचाई न करें

कली (फूल) बनने से 1 से 2 महीने पहले गहरी सिंचाई बंद कर दें. अधिक पानी से मिट्टी में अत्यधिक नमी हो जाती है, जो फूल आने की प्रक्रिया में बाधा डालती है. इससे फूल गिरने की संभावना बढ़ जाती है.

2. उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग न करें

नाइट्रोजन आधारित उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग न करें, क्योंकि इससे पौधों में पत्तियों की वृद्धि होती है और फूल आने में बाधा आती है. संतुलित उर्वरकों का उपयोग करें और पोटाश का अधिक उपयोग न करें, जिससे फूल गिरने की संभावना हो सकती है. फूल मे फल लग जाने के बाद ही खाद एवं उरवरकों का प्रयोग करना चाहिए.

3. अनियमित छंटाई न करें

फूल आने से पहले अत्यधिक या अनावश्यक छंटाई न करें. इससे पौधे कमजोर हो सकते हैं और फूल आने की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है. सही समय पर केवल सूखी और रोगग्रस्त शाखाओं को ही हटाएं.

4. अनावश्यक रूप से रसायनों का छिड़काव न करें

बिना किसी आवश्यकता के कीटनाशकों और कवकनाशकों का छिड़काव न करें. रासायनिक छिड़काव से पर्यावरण और फूलों की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है. बेमौसम छिड़काव से फूल झड़ने की संभावना बढ़ जाती है.

5. खरपतवार प्रबंधन में देरी न करें

फूल आने से पहले बगीचे में खरपतवार न छोड़ें. खरपतवार पौधों के पोषक तत्वों को खत्म कर देते हैं और फूल बनने की प्रक्रिया को बाधित करते हैं.

6. जलभराव की समस्या न होने दें

बगीचे में जल निकासी का ध्यान रखें और जलभराव न होने दें. जलभराव से जड़ें सड़ जाती हैं और पौधे कमजोर हो जाते हैं. इससे फूलों के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

7. मिट्टी न खोदें

कलियों के बनने के दौरान पेड़ों के पास की मिट्टी को अनावश्यक रूप से न खोदें. इससे जड़ें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं और पौधे कमजोर हो सकते हैं.

8. बीमारियों और कीटों को नज़रअंदाज़ न करें

फूल आने से पहले समय पर कीटों और बीमारियों का प्रबंधन न करना हानिकारक हो सकता है. अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो कीटों और बीमारियों से फूल झड़ सकते हैं.

9. पेड़ों पर अत्यधिक भार न डालें

पुराने और कमज़ोर पेड़ों पर अत्यधिक फूल या फल का भार न डालें. इससे पौधे कमज़ोर हो सकते हैं और फूल झड़ सकते हैं.

10. मौसम को नज़रअंदाज़ न करें

ठंड, पाला या बेमौसम बारिश के दौरान कोई भी प्रबंधन उपाय न करें. इन परिस्थितियों में रसायनों या उर्वरकों का उपयोग नुकसान पहुंचा सकता है.

11. जैविक उपायों को नज़रअंदाज़ न करें

केवल रसायनों पर निर्भर न रहें, जैविक विकल्पों को नज़रअंदाज़ करना फ़ायदेमंद नहीं होगा. जैविक फफूंदनाशकों, नीम के तेल और अन्य प्राकृतिक उपायों का सही तरीके से उपयोग करें.

12. पौधों को नज़रअंदाज़ न करें

पौधों की नियमित जाँच न करना नुकसानदेह हो सकता है. - फूल आने से पहले हर हफ़्ते कीटों और बीमारियों के लिए पौधों का निरीक्षण करें.

13. समय पर प्रबंधन न करना

पौधों की देखभाल में देरी या समय पर उपाय न करने से फूल आने की प्रक्रिया बाधित हो सकती है. देरी से बीमारी और कीटों का प्रकोप बढ़ सकता है.

14. बगीचे की साफ-सफाई को नज़रअंदाज़ न करें

बगीचे में गिरी हुई पत्तियाँ और सूखी शाखाएँ न छोड़ें. इससे रोगाणुओं और कीटों के लिए अनुकूल वातावरण बनता है.

15. ज़्यादा पत्तियों वाली शाखाएं न छोड़ें

ज़्यादा पत्तियों वाली शाखाओं को बिना काटे छोड़ना नुकसानदेह हो सकता है. ये शाखाएँ कली बनने में बाधा डालती हैं और पौधे के पोषक तत्वों का इस्तेमाल करती हैं.

16. कृषि विशेषज्ञों से सलाह लें

फूल आने से पहले कृषि विशेषज्ञों से सलाह न लेना गलत हो सकता है. तकनीकी ज्ञान की कमी से उचित प्रबंधन में बाधा आ सकती है.

17. मवेशियों को बगीचे में न आने दें

मवेशियों के बगीचे में आने से पौधों को नुकसान पहुँच सकता है. इससे जड़ों और शाखाओं को नुकसान पहुंच सकता है.

18. अंधाधुंध फ़सल चक्र न अपनाएं

बगीचे में अनावश्यक रूप से दूसरी फ़सलें न उगाएं. इससे मुख्य फ़सल (लीची) के पोषण और विकास पर असर पड़ सकता है.

19. प्राकृतिक संसाधनों की उपेक्षा न करें

पानी, खाद और मिट्टी की गुणवत्ता की अनदेखी करने से पौधों की सेहत को नुकसान पहुंच सकता है.

20. योजनाबद्ध तरीके से काम न करना

फूल आने से पहले बिना योजना के प्रबंधन करना नुकसानदेह हो सकता है. हर कदम सही समय पर और सही तरीके से उठाएं.

English Summary: successful cultivation of litchi crop for good quality and production
Published on: 16 January 2025, 11:48 IST

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