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Updated on: 13 March, 2024 12:00 AM IST
आम के बगीचे से अच्छा लाभ पाने के लिए किसानों इन बातों का रखें ध्यान

गर्मी के मौसम में बाजार में सबसे अधिक आम की डिमांड रहती है. इस दौरान किसान आम की खेती/Mango Cultivation से अधिक आमदनी हासिल कर सकते हैं. लेकिन अक्सर देखा गया है कि आम की फसल में कई बार कीट व रोग लगने से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है. ऐसे में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने किसानों के लिए मार्च माह में आम के बगीचों/Aam ke Bagiche से जुड़ी जरूरी सलाह जारी की है. ताकि किसान समय रहते आम के बगीचे से अच्छा लाभ प्राप्त कर सकें.

आम के बगीचे से अच्छा लाभ पाने के लिए किसानों को मार्च माह में सिर्फ 5 बातों का ध्यान रखना है, जोकि भा.कृ,अनु.प, केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा, पो.काकोरी, लखनऊ के द्वारा जारी की गई है. ऐसे में आइए इन 5 बातों के बारे में विस्तार से जानते हैं...

किसान मार्च माह में बस इन 5 बातों का रखें ध्यान

खर्रा रोग की रोकथाम हेतु सलाह/Advisory for management of powdery mildew

विभाग के द्वारा जारी की गई जानकारी के मुताबिक, इस सप्ताह उत्तर प्रदेश में खर्रा रोग से क्षति की संभावना जताई गई है. अगर फसल में 10 प्रतिशत से अधिक पुष्पगुच्छों पर खर्रा की उपस्थिति देखी जाती है, तो टेबुकोनाजोल+ट्राइफ्लॉक्सीस्ट्रोबिन (0.05 प्रतिशत) या हेक्साकोनाजोल (0.1 प्रतिशत) या सल्फर (0.2 प्रतिशत) का छिड़काव किया जा सकता है.

आम के भुनगा कीट की रोकथाम के लिए सलाह/Advisory for management of mango hopper

आम का भुनगा (फुदका या लस्सी) एक अत्यंत हानिकारक कीट है जो आम की फसल को गंभीर हानि पहुँचा सकता है. यह बौर, कलियों तथा मुलायम पत्तियों पर एक-एक करके अंडे देते हैं और शिशु अंडे से एक सप्ताह में बाहर आ जाते हैं। बाहर आने के बाद शिशु एवं वयस्क पुष्पगुच्छ (बौर), पत्तियों तथा फलों के मुलायम हिस्सों से रस को चूस लेते हैं। इससे पेड़ पर बौर नष्ट हो जाता है. परिणामस्वरूप फल अविकसित अवस्था में गिर जाते हैं. भारी मात्रा में भेदन तथा सतत रस चूसने के कारण पत्तियां मुड़ जाती हैं तथा प्रभावित ऊतक सूख जाते हैं. यह एक मीठा चिपचिपा द्रव भी निकालते हैं जिस पर सूटी मोल्ड (काली फफूंद) का वर्धन होता है. सूटी मोल्ड एक प्रकार की फफूंद होती है जो पत्तियों में होने वाली प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को कम करती है. यदि समय पर हस्तक्षेप नहीं किया गया, तो गुणवत्ता वाले फल की उपज प्रभावित होगी. ऐसे में किसानों को सलाह दी जाती है कि अगर पुष्पगुच्छ पर भुनगे की उपस्थिति देखी जा रही है, तो तत्काल इमिडाक्लोप्रिड (0.3 मि.ली./ली. पानी) तथा साथ में स्टिकर (1 मि.ली./ली. पानी) छिड़काव करना चाहिए.

पुष्प गुच्छ मिज की रोकथाम हेतु सलाह

आम के पुष्प एवं पुष्प गुच्छ मिज अत्यंत हानिकारक कीट हैं, जो आम की फसल को हानि पहुंचाते हैं. मिज कीट का प्रकोप वैसे तो जनवरी माह के अंत से जुलाई माह तक कोमल प्ररोह तने एवं पत्तियों पर होता है, लेकिन सर्वाधिक क्षति बौर एवं नन्हें फलों पर इसके द्वारा की जाती है. इस कीट के लक्षण बोर के डंठल, पत्तियों की शिराओं या तने पर कत्थई या काले धब्बे के रूप में दिखाई देते हैं. धब्बे के मध्य भाग में छोटा सा छेद होता है. प्रभावित बौर व पत्तियों की आकृति टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती है. प्रभावित स्थान से आगे के बौर सूख भी सकता है. किसानों को सलाह दी जाती है कि इस कीट के नियंत्रण हेतु आवश्यकतानुसार डायमेथोएट (30 प्रतिशत सक्रिय तत्व) 2.0 मि.ली. प्रति लीटर पानी की दर से स्टिकर (1.मि.ली/ली.पानी) के साथ छिड़काव करें.

आम के बगीचे में थ्रिप्स की रोकथाम हेतु सलाह

आगामी कुछ दिनों के दौरान आम के बौर पर थ्रिप्स का प्रकोप दर्ज किया जा सकता है. यदि आम के बगीचों में इसका प्रकोप देखा जाता है, तो थायामेथोक्साम (0.33 ग्राम/लीटर) के स्प्रे द्वारा तुरंत इसे प्रबंधित करें.

आम के गुजिया कीट के प्रबंधन हेतु सलाह

आम के बागों में गुजिया कीट की गतिविधि जनवरी माह के पहले सप्ताह से प्रारंभ हो जाती है. अगर बचाव के उपाय सफल रहे हैं और कीट बौर और पत्तियों तक पहुंच गया हो तो किसानों से अनुरोध है कि इसके प्रबंधन हेतु आवश्यक कार्यवाही जल्दी करें. यदि कीट बौर और पत्तियों तक पहुंच गया हो तो कार्बोसल्फान 25 ई.सी का 2 मिली./ली.पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें.  

English Summary: mango farmer how to management of mango mealy bug powdery mildew hopper thrips and inflorescence midge
Published on: 13 March 2024, 05:00 IST

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