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Updated on: 12 March, 2020 12:00 AM IST

अंगूर बागवानों के लिए एक अच्छी खबर सामने आयी है. अंगूर की खेती करने वाले बागवान अब रसीले अंगूर की एक नई किस्म की खेती जल्द ही कर पाएंगे. आपको बता दें कि पुणे के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान आघारकर अनुसंधान संस्थान (एआरआई) ने इस नई किस्म को तैयार किया है. यह किस्म संकर प्रजाति की है.

क्या है इस नई किस्म की खासियत?

Agharkar Research Institute (ARI) द्वारा विकसित की गयी इस किस्म की खासियत की बात करें तो इसमें कई विशेषताएं हैं.

  • यह किस्म फफूंदरोधी है. जी हाँ, इस अंगूर की नई किस्म (new variety of grapes) में किसी भी तरह की फफूंद नहीं लगेगी जिससे बागवानों को नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा.

  • इसके साथ ही इस किस्म के फल यानी अंगूर ज़्यादा रसीले होते हैं.

  • नई किस्म के अंगूरों में बागवानों को बीज नहीं मिलेगा यानी इसके फल बीजरहित (seedless) होंगे.

  • इस किस्म में घने गुच्छेदार फल आते हैं.

  • इसमें किसी भी तरह के कीट या रोग का प्रकोप नहीं होता है.

दो अलग किस्मों को मिलाकर तैयार की गयी है यह नई किस्म

आपको बता दें कि यह नई किस्म संकर प्रजाति एआरआई-516 (ARI-516) दो अलग-अलग किस्मों को मिलाकर विकसित की गयी है. इनमें अमरीकी काटावाबा और विटिस विनिफेरा शामिल हैं.

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इस तरह किया जा सकता है अंगूरों का उपयोग

बागवान इस नई किस्म की बागवानी करके इसका इस्तेमाल खाद्य प्रसंस्करण (food processing) में भी कर सकते हैं. अंगूर की इस किस्म को जूस (juice), जैम (jam), स्क्वैश (squash) और रेड वाइन (red wine) बनाने में उपयोग किया जा सकता है. ये सभी खाद्य और पेय पदार्थ में गुणवत्ता बहुत ही अच्छी मिलती है.

इन क्षेत्रों में की जा सकती है नई किस्म की बागवानी

अंगूर की इस नई किस्म की खेती (grapes cultivation or grapes farming) महाराष्ट्र के साथ ही तेलंगाना, तमिलनाडु, पंजाब और पश्चिम बंगाल के किसान या बागवान कर सकते हैं. इन क्षेत्रों की जलवायु इस नई किस्म के लिए उपयुक्त है.

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English Summary: grapes cultivation new variety of grapes by ari pune for farmers
Published on: 12 March 2020, 12:10 IST

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