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Updated on: 18 May, 2020 12:00 AM IST

भारत में सेब एक लोकप्रिय फल है. इसकी खेती मुनाफे का सौदा मानी जाती है. वैसे आपने भी कई तरह के सेब देखे और खाये होंगे, लेकिन आज हम आपको एक विशेष प्रकार के सेब के बारे में बताने जा रहे हैं. इस सेब के बारे में आपने शायद ही सुना होगा, क्योंकि इसका रंग लाल नहीं बल्कि काला है.

काले सेब की खेती

समुद्रतल से लगभग 3100 मीटर की ऊंचाई पर काले सेब की खेती की जाती है. ऐसे क्षेत्रों का तापमान प्रायः दिन और रात में बिलकुल अलग होता है. यही कारण है कि दिन में सूर्य से प्राप्त होने वाली अल्ट्रा वॉयलेट किरणें इसको काले रंग में बदल देती है.

दुलर्भ है काला सेब

काले सेब को दुर्लभ किस्मों की श्रेणी में रखा गया है. इसकी खेती तिब्बत की पहाडिय़ों पर की जाती है और स्थानीय लोग इसे ‘हुआ नियु’ के नाम से जानते हैं. किसानों के लिए इस सेब की खेती बंपर मुनाफे वाली है, यही कारण है कि इसे ब्लैक डायमंड के नाम से भी जाना जाता है.इन सेबों की सबसे अधिक मांग बीजिंग, शंघाई, गुआंगजो और शेन्ज़ेन के बाज़ारों में है. आपको जानकर हैरानी होगी की एक ही सेब की कीमत 500 रूपए है. भारत में इस सेब को लाने की कोशिश जारी है.

हाइब्रिड सेब की हो रही है तैयारी

गौरतलब है कि वर्तमान में सेब की सैकड़ों विदेशी और देशी किस्मों को भारत में उगाया जा रहा है. सेब की सबसे अधिक किस्मों की खेती (लगभग 200 से अधिक) हिमाचल में होती है. अकेले अमेरिका की ही 70 से अधिक किस्मों को भारत में उगाया जा रहा है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि काले सेब को हाइब्रिड कर भारतीय बाजार में उतारा जा सकता है.

अब तक के प्रयोग रहे हैं सफल

विशेषज्ञों का मानना है कि हमारे यहां कई क्षेत्रों का जलवायु काले सेब की खेती के लिए उपयुक्त है. मौजूदा समय में यूएसए, यूके, इजरायल, रूस, चीन, अर्जेंटीना जैसे देशों की सेबों की खेती भारत में सफल रही है और आज किसानों को उससे बड़ा फायदा मिल रहा है.  

English Summary: Farmers Are love to Grow This Expensive Black apple variety know more about black diamond
Published on: 18 May 2020, 11:49 IST

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