Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 11 March, 2019 12:00 AM IST

देश ने कृषि के क्षेत्र में हरित क्रांति, श्वेत क्रांति और स्वर्ण क्रांति के बाद वो मुकाम हासिल कर लिया हैं. जिसको किसान के साथ एक आम आदमी को भी देखने की जरूरत है. खेती करने के लिए सबसे पहले जगह की जरूरत होती है उसके बाद से मिट्टी की. लेकिन अब ऐसा नहीं हैं. ऐसा मुमकिन हो सका है खेती की एक खास विधि से. इस अनूठे तरीके को हाइड्रोपोनिक्स कहते हैं. खेती की यह पद्धति आने वाले समय में अब लैब से निकलकर आम लोगों के टेरेस और बालकनी तक पहुंच सकेगी. बता दे कि ‘केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान’ इसके लिए सस्ते दर पर फॉम्र्युलेशन (खेती का तरीका) लोगों तक उपलब्ध कराएगा.

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, हाल ही में लखनऊ के गोमतीनगर के एक निवासी ने इंटरनेट से देखकर इस तकनीक का प्रोटोटाइप डिजाइन तैयार तो कर लिया, लेकिन उसके न तो पौधे बढ़े और न ही फले-फूले. दरअसल, पोषक तत्वों का फॉम्यरुलेशन मार्केट में काफी महंगा था. बाद में उसने संस्थान से सहायता के लिए अनुबंध (ठेका लेना ) का अनुरोध किया. संस्थान के निदेशक डॉ. एस.आर. सिंह केअनुसार, हाइड्रोपोनिक्स विधि को आम लोगों तक सस्ते दर पर पहुंचाया जाएगा. इसके अंतर्गत घर में लगाने के लिए संस्थान में मॉडल बनाकर बिक्री के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे.

हाइड्रोपोनिक्स विधि की विशेषता

हाइड्रोपोनिक्स विधि की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस विधि से खेती करने के लिए मौसम और मिट्टी की गुणवत्ता का मोहताज नहीं रहना होगा. नियंत्रित वातावरण में इनडोर खेती संभव होने के वजह से यह अयोग्य (अनुपयुक्त) जलवायु और मिट्टी में भी फसलें उगाई जा सकती हैं. मिट्टी के जहरीलेपन और खरपतवार के बुरे प्रभाव से भी फसल को छुटकारा मिल सकती है.

कैसे होती है यह खेती

हाइड्रोपोनिक्स विधि से खेती करने के लिए मिट्टी के जगह पर बजरी, पर्लाइट (एक तरह के पत्थर के टुकड़े) या कोकोपीट (नारियल के जूट से बना पदार्थ) का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि इन पौधों की जड़ों को पानी में पोषक तत्वों का घोल नियमित रूप से उपलब्ध कराते हैं. हाइड्रोपोनिक्स विधि से खेती करने की भी कई तकनीकी है, कुछ में पोषक तत्वों का घोल निरंतर प्रवाहित होता रहता है तथा कुछ में इसको कुछ समय बाद बदला जाता है. हाइड्रोपोनिक्स की एयरोपोनिक्स विधि में पानी की बूंदों के फव्वारे द्वारा जड़ों को पोषक तत्व उपलब्ध कराए जाते हैं और जड़ें हवा में लटकी रहती हैं.

तो मिट्टी का काम करता कौन है?

दरअसल, किसी भी पौधे को जीवित रहने के लिए पोषक तत्व होने जरूरी होते होते हैं. ये तत्व पौधे मिट्टी से लेते हैं. अगर ये आवश्यक तत्व उन्हें पानी के साथ उपलब्ध करा दिए जाएं तो मिट्टी की कोई जरूरत ही नहीं रह जाएगी. बस इतना करना होगा कि इस पौधे उगाने के लिए वातावरण को थोड़ा नियंत्रित करना होगा.

90 प्रतिशत पानी भी बचेगा

हाइड्रोपोनिक्स विधि से खेती करके 90 फीसद तक पानी की बचत की जा सकती है. क्योंकि, पानी रिसाइकल किया जाता है. इस विधि से मिट्टी के मुकाबले उतने ही स्थान में 2 से 8 गुना उत्पादन किया जा सकता है. पौधों में  तेजी से वृद्धि होने से सीमित जगह में ही कई फसलें उगाई जा सकती हैं.

बीमारियां भी नहीं फैलतीं

एक चुटकी मिट्टी में करोड़ों कीटाणु होते है. ऐसे में मिट्टी से पौधों में कई कीट और रोग फैलते हैं. हाइड्रोपोनिक्स विधि से बागवानी करने पर बीमारियां फैलने का खतरा भी नहीं रहता.

English Summary: Do this with technology, gardening without soil
Published on: 11 March 2019, 03:50 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now