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Updated on: 17 October, 2023 12:00 AM IST
पुंगनूर है दुनिया की सबसे छोटी गाय!

गाय की ऐसी कई नस्लें हैं, जो धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही हैं. जिन्हें बचाने के लिए वैज्ञानिकों व लोगों के द्वारा कई तरह के अहम कदम भी उठाए जा रहे हैं. गायों की विलुप्त प्रजाति में पुंगनूर गाय भी एक है. यह गाय दुनिया की सबसे छोटी गाय मानी जाती है. बता दें कि पुंगनूर गाय की यह ब्रीड दक्षिण भारत में विकसित की गई है. इस गाय की खासियत की बात करें, तो यह सिर्फ पांच किलों चारे में प्रति दिन तीन लीटर तक दूध देती है. यह पुंगनूर गाय एक दम कुत्ते के बराबर होती  है, यानी कि इस गाय की हाइट ढाई फुट तक होती है. लेकिन पुंगनूर गाय धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है. इसके बचाव के लिए आंध्र प्रदेश में बड़े पैमाने पर नस्ल सुधार कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के एक वैध ने पुंगनूर गाय की नस्ल को बचाने के लिए ढाई फीट की पुंगनूर गाय को विकसित किया है. इन्होंने इस गाय को 14 साल की कड़ी मेहनत के बाद विकसित किया है, जिसका नाम मिनिएचर पुंगनूर रखा है.

पशुपालकों को मुफ्त में दे रहे पुंगनूर गाय

इस छोटी गाय की नस्ल को सफलतापूर्वक विकसित करने के बाद काकीनाडा के डॉ. कृष्णम राजू एक गौशाला चलाते हैं, जोकि इन गायों को देशभर के पशुपालकों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं. देखा जाए तो वर्तमान में अभी मिनिएचर पुंगनूर गाय की कीमत एक लाख से लेकर पांच लाख रुपये तक है.

पुंगनूर गाय की ब्रीड 112 साल पुरानी

पुंगनूर गाय जोकि दुनिया की सबसे छोटी गाय हैं, वह जब पैदा होती है, तो उसकी ऊंचाई 16 से 22 इंच तक होती है. लेकिन वह कृष्णम राजू के द्वारा विकसित की गई मिनिएचर पुंगनूर गाय की ऊंचाई जब वह पैदा होती है तभी 7 इंच से 12 इंच तक होती है. बता दें कि पुंगनूर गाय की ब्रीड 112 साल पुरानी है और वहीं मिनिएचर पुंगनूर गाय साल 2019 में विकसित की गई है.

डॉ. राजू बताते हैं कि पूरे देशभर में अभी सिर्फ गायों की 32 नस्लें ही बची हैं, लेकिन वहीं प्राचीन काल में गायों की लगभग 302 नस्लें हुआ करती थीं. गायों की नस्लों में इतना बड़ा बदलाव स्थान, जलवायु परिवर्तन और गायों का सही खान-पान नहीं होना बताया जा रहा है.

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मिनिएचर पुंगनूर की ब्रीड ऐसे की विकसित

डॉ कृष्णम राजू का कहना है कि मिनिएचर पुंगनूर की ब्रीड को तैयार करने के लिए उन्होंने आंध्र प्रदेश के लाइवस्टोक रिसर्च स्टेशन से पुंगनूर नस्ल के सांड का सीमन लिया और फिर इसका कृत्रिम गर्भाधान करवाया. इन्होंने छोटे से छोटे सांड का सीमन लेकर पुंगनूर गाय का कृत्रिम गर्भाधान करवाया. ऐसा इन्होंने जब तक किया जब तक इन्हें अपने काम में सफलता नहीं मिल गई. डॉ. राजू के मुताबिक, 2 फीट की मिनिएचर पुंगनूर गाय में उन्हें करीब 14 साल की मेहनत के बाद सफलता मिली. 

English Summary: world smallest cow breed punganur cow dairy farming punganur cow milk per day and height
Published on: 17 October 2023, 03:47 IST

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