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Updated on: 19 May, 2020 12:00 AM IST

दुनियाभर में हर साल 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस (World Bee Day) मनाया जाता है. इस दिन मधुमक्खियों, तितलियों, चमगादड़ और चिड़ियों  के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाती है. इस दिन एंटोन जानिसा का जन्म हुई था. कहा जाता है कि एंटोन जानिसा ने 18वीं शताब्दी में अपने मूल स्लोवेनिया में आधुनिक मधुमक्खी पालन तकनीकों का बीड़ा उठाया था. उनके इस मेहनत की काफी प्रशंसा भी की गई थी. स्लोवेनिया के बीकीपर्स एसोसिएशन के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र के सम्मुख 20 मई को हर साल विश्व मधुमक्खी दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया था. इस प्रस्ताव को 7 जुलाई 2017 को इटली में आयोजित संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के 40वें सत्र में अनुमोदित किया गया था. पहली बार विश्व मधुमक्खी दिवस 20 मई, 2018 से मनाना शुरू किया गया.

भारत सरकार भी मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दे रही है. हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मधुमक्खी पालकों के लिए 500 करोड़ रुपए की मदद का ऐलान किया है. इससे करीब 2 लाख से अधिक मधुमक्खी पालक को लाभ मिलेगी. यह एक ऐसा व्यवसाय है, जो कि मानव जाति को लाभान्वित कर रहा है. इसका व्यवसाय बहुत खर्चीला होता है. यह एक घरेलु उद्योग है, जिसमें  आय, रोजगार और वातावरण शुद्ध रखने की क्षमता होती है. यह एक ऐसा रोजगार है जिसको समाज के हर वर्ग के लोग आसानी से अपना सकते है. मधुमक्खी पालन से कृषि और बागवानी के उत्पादन को भी बढ़ा सकते हैं. देश के कई हिस्सों में मधुमक्खियों का पालन सफलतापूर्वक किया जाता हैं. इस व्यवसाय से किसान और बेरोजगार लोग लाखों रुपए की कमाई कर सकते है. इस व्यवसाय को कम लागत में आसानी से छतों में, मेड़ों के किनारे, तालाब के किनारे किया जा सकता है.

भारत शहद उत्पादन के मामले में अभी पांचवें स्थान पर है. बता दें कि मधुमक्खियां एक परिवार की तरह काम करती हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मानव सभ्यता को ठीक रखना है, तो मधुमक्खियों की रक्षा करना बहुत ज़रूरी है. मधुमक्खियों से जो शहद, मोम, रॉयल जैली मिलती है, वह हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी मानी जाती है.

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English Summary: World Bee Day, earn double profits from beekeeping
Published on: 19 May 2020, 08:05 IST

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