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Updated on: 23 August, 2023 12:00 AM IST
Sirohi breed cow

गाय का घी सबसे उत्तम होता हैलेकिन बाजार में सिरोही नस्ल की गाय के घी की बहुत अलग ही मांग है. सिरोही गाय गुजरात राज्य की मानी जाती है. यह मवेशियों में सबसे शुद्ध भारतीय नस्ल है. यह नस्ल ज्यादातर गुजरात और राजस्थान के इलाकों में पाई जाती है. इस गाय के दूध उत्पादन की क्षमता अन्य गायों की तुलना में काफी अच्छी होती है. इस गाय का जीवन काल 18 से 20 वर्ष तक का होता हैजो साधारण गायों की तुलना में से वर्ष अधिक होता है.

दूध का उत्पादन

अगर दूध उत्पादन क्षमता की बात करें तो सिरोही गाय रोजाना 10 से 12 लीटर दूध देती है. एनडीडीबी के अनुसार, सिरोही नस्ल की गाय एक ब्यान्त में 1647 लीटर तक दूध दे सकती है.

सिरोही गाय की विशेषताएं

सिरोही गायों का वजन 250 से 300 किलोग्राम तक का होता है, यह अन्य गायों की तुलना में ज्यादा भारी होती हैं. इस प्रजाति के बैलों का वजन 350 से 400 किलोग्राम तक होता है.

इस गायों की ऊंचाई औसतन 120 से 125 सेमी तक होती है. वहीं बैलों की ऊंचाई 130 से 135 सेमी तक की होती है.

यह प्रजाति साहीवाल, राठी, गिर जैसी उत्तम नस्लों की गायों को पीछे कर देती है. इसका घी बाजार में दोगुने दाम पर बिकता है.

इस नस्ल का नामकरण इसके भौगोलिक आधार पर किया गया है. इसे राजस्थान की अरावली पर्वत की चोटियों पर स्थानीय भाषा में नार के नाम से भी जाना जाता है. इसका स्वभाव घुमक्कड़ होता है.

National Bureau of animal genetic resource Karnal ने जनवरी 2020 में इस गाय को भारतीय देशी गोवंश की स्वतंत्र नस्ल के तौर पर रजिस्टर्ड किया है.

English Summary: What are the Sirohi breed cow's specialty
Published on: 23 August 2023, 05:12 IST

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