GFBN Story: गन्ने और केले की स्मार्ट खेती से हिमांशु नाथ ने रचा सफलता का इतिहास, सालाना टर्नओवर 1 करोड़ से ज्यादा! GFBN Story: लाख की खेती से मिलन सिंह विश्वकर्मा को मिली बड़ी पहचान, सालाना कमा रहे हैं भारी मुनाफा! GFBN Story: रिटायरमेंट के बाद इंजीनियर शाह नवाज खान ने शुरू की नींबू की खेती, अब कमा रहे हैं शानदार मुनाफा! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 31 August, 2019 12:00 AM IST

पशुधन किसानों के लिए सबसे बड़ा धन होता है. भारत में पौराणिक काल से ही खेती के साथ-साथ किसान पशुपालन करते हैं. लेकिन समय के साथ बदलते हुए जल-वायु एवं पर्यावरण के कारण पशुओं के प्रजनन एवं दूध देने की क्षमता में परिर्वतन हुए है. इसका एक कारण ये भी है कि ज्यादा लालच के चक्कर में किसान भाई खुद भी बिना सोचे-समझे पशुओं को टीके लगा रहे हैं. ऐसा करने से जहां एक तरफ पशुओं का स्वास्थ बिगड़ता है वहीं उनका दूध भी सेहत के लिए पीने लायक नहीं रहता.

गौरतलब है कि कई बार ऐसे मामले भी देखने को मिल चुके हैं जिसमे मुनाफा कमाने के लिए
दूध बिक्री व उत्पादन में जमकर स्वास्थ नियमों की धज्जियां उड़ाई गई है. गाय, भैंसों को गाभिन करने के लिए तरह-तरह के इंजेक्शन धड़ल्ले से लगाये जा रहे हैं. लेकिन ध्यान रहे कि इससे थोड़े समय के लिए तो आपको फायदा होगा लेकिन बहुत जल्दी ही आपकी भैंस बीमारियों की चपेट में आ जाएगी.

ऐसे करें कटिये की शुरूआती देखभालः

एक नन्हें कोमल पौधे की तरह ही कटिये को भी शुरूआत में विशेष देखभाल एवं संरक्षण की जरूरत होती है. ऐसा करना आवश्यक है क्योंकि कल यही कटिया भैंस बेनगी. शुरूआत के कुछ महीने कटिये को ना बांधे. ज्यादा अच्छा ये होगा कि आप उसके लिए अलग से साफ घेरावदार जगह बनाएं. जन्म से लगभग तीन महीने तक उसे उसकी मां के दूध का ही सेवन करने दें.

अच्छे सीमन की कटिया का करें पालनः

अच्छे सीमन की कटिया को पालने का फायदा ज्यादा है. भैंस की अच्छी नस्ल ही ज्यादा एवं सेहतमंद दूध देने में सक्षम है. आज़ बाज़ार में बेहतरीन कटिये आ गएं हैं जो मात्र 16 महीने में ही सीमन लेने में सक्षम होते हैं.

English Summary: week by week guidience and tips to calf pregnancy
Published on: 31 August 2019, 12:22 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now