Groundnut Variety: जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, कम समय में मिलेगी प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज खुशखबरी! अब किसानों और पशुपालकों को डेयरी बिजनेस पर मिलेगा 35% अनुदान, जानें पूरी डिटेल Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 2 June, 2020 12:00 AM IST
Lal Kandhari Cow

पशु पालन के सहारे अगर मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो आपके लिए लाल कंधारी गाय फायदेमंद साबित हो सकती है. इसे ‘लखलबुंदा’ नाम से भी कई जगहों पर जाना जाता है. भारत में मुख्य रूप से ये महाराष्ट्र के नंदेड़, परभानी, अहमद नगर, बीड और लतूर जिलों में देखने को मिलती है.

इनका रंग गहरा लाल या भूरा-लाल हो सकता है. इनके सींगों का आकार टेढ़ा और माथा चौड़ा होता है, जिस कारण इनकी पहचान आराम से हो सकती है. चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं.

दूध देने की क्षमता (Milking capacity)

इनके दूध देने की क्षमता इनके लालन-पालन एवं रखरखाव पर निर्भर है, लेकिन फिर भी औसतन एक ब्यांत में ये 598 किलो दूध दे सकती है. इनके दूध में वसा की मात्रा लगभग 4.5 प्रतिशत तक हो सकती है.

खुराक प्रबंधन (Dosage management)

इस नस्ल की गायों को फलीदार चारे भोजन के रूप में दे सकते हैं. भोजन में इन्हें अधिक उर्जा, प्रोटीन, खनिज पदार्थ देने चाहिए. आप इन्हें खाने में अनाज जैसे कि मक्का, ज्वार, छोले, जई, चावलों की पॉलिश, चूनी, बरीवर आदि शुष्क दाने दे सकते हैं.वहीं हरे चारो के रूप में इन्हें लोबिया, गुआरा, हाथी घास, नेपियर बाजरा, सुडान घास आदि दे सकते हैं. इसी तरह अगर सूखा चारा इन्हें खिलाना चाहते हैं, तो आप बरसीम की सूखी घास, जई की सूखी घास, पराली, मक्की के टिंडे आदि भी भोजन के रूप में दे सकते हैं.

शैड की आवश्यकता (Need for shade)

वैसे तो लगभग ये हर तरह के सामान्य वातावरण में रह सकते हैं, लेकिन इन्हें भारी बारिश, तेज धूप, बर्फबारी, ठंड के मौसम में अधिक देखभाल की जरूरत होती है. ऐसे में इनके लिए शैड का निर्माण करें.

ये खबर भी पढ़े: खुशखबरी ! खरीफ की इन फसलों की MSP में हुई बढ़ोतरी, देखिए पूरी सूची

इस बात का ध्यान रखें कि शैड में साफ हवा और पानी की सुविधा मौजूद हो.

(आपको हमारी खबर कैसी लगी? इस बारे में अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें. इसी तरह अगर आप पशुपालन, किसानी, सरकारी योजनाओं आदि के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो वो भी बताएं. आपके हर संभव सवाल का जवाब कृषि जागरण देने की कोशिश करेगा)

English Summary: lal kandhari cow is profitable for farmers know more about lal kandhari and feed management
Published on: 02 June 2020, 02:44 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now