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Updated on: 3 June, 2020 12:00 AM IST
Kalahandi Buffalo

कम रख-रखाव में अधिक दूध देने के कारण कालाहांडी भैंस पशुपालकों की पहली पसंद है. मूल रूप से उड़ीसा में पाए जाने वाले इस किस्म की भैंसों का रंग सलेटी से गहरा सलेटी हो सकता है. इनका माथा चपटा होता है, जबकि पूंछ का रंग काला होता है. 

इसके कूबड़ छोटे और लेवा गोल आकार में होते हैं. चलिए आपको इस भैंस के बारे में बताते हैं.

दूध क्षमता (Milk capacity)

इस भैंस की दध देने की क्षमता इसके रख-रखाव एवं लालन-पालन पर निर्भर है. फिर भी औसत रूप से यह नस्ल एक ब्यांत में 680-900 लीटर तक दूध देने में सक्षम है. इस नस्ल की भैंसे सामान्य ताप और ठंड को सहने में सक्षम है.

खुराक प्रबंधन (Dosage management)

इस नस्ल की भैंसों को खुराक जरूरत के अनुसार चाहिए होता है. आम तौर पर इन्हें फलीदार चारे एवं तूड़ी भोजन के रूप में पसंद है. इनके भोजन में ऐसे तत्वों को शामिल करें जिनमें उर्जा, प्रोटीन, कैलशियम, फासफोरस और विटामिन ए आदि की भरपूर मात्रा हो. आप इन्हें दाने, तेल बीजों की खल एवं धातु वाले भोजन दे सकते हैं.

शैड की आवश्यकता (Need for shade)

पशुओं को शैड में रखना अधिक फायदेमंद है. इनके विकास में अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियां सहायक है. तेज धूप, बर्फबारी और अधिक ठंड जैसे मोसम में इन्हें खुले वातावरण में रखना सही नहीं है. इनके शैड में साफ हवा और पानी की सुविधा होनी चाहिए.

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गाभिन पशुओं की विशेष देखभाल (Special care of pregnant animals)

गाभिन पशुओं को अधिक देखभाल की जरूरत होती है. गाभिन भैंस की फीड बढ़ा देना फायदेमंद है. इन्हें कम से कम 1 किलो अधिक फीड देना जरूरी है.

(आपको हमारी खबर कैसी लगी? इस बारे में अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें. इसी तरह अगर आप पशुपालन, किसानी, सरकारी योजनाओं आदि के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो वो भी बताएं. आपके हर संभव सवाल का जवाब कृषि जागरण देने की कोशिश करेगा)

English Summary: Kalahandi Buffalo is suitable for dairy farm know more about milk capacity color feed
Published on: 03 June 2020, 04:01 IST

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