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Updated on: 30 November, 2022 12:00 AM IST
सूकर पालन को बनाएं कमाई का जरिया

गाय-भैंस, भेड़, मुर्गी पालन के साथ-साथ भारत में सूकर पालन का भी चलन काफी बढ़ गया है. सूकर पालन लघु व सीमांत किसानों के लिए फायदे का व्यवसाय साबित हो रहा है. भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में सूकर के मांस (Pig Meat) की मांग सबसे ज्यादा है. प्रोडक्ट्स और दवाओं में इसका उपयोग होता है.

सूकर के मांस में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है. यही वजह है कि भारत में किसानों ने सूकर पालन की ओर रुख किया है. यदि आप भी कम लागत में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं तो सूकर पालन शुरु कर सकते हैं. आईए जानते हैं सूकर पालन के बारे में संपूर्ण जानकारी.

सूकर पालन के लिए आवास प्रबंधन व उचित जलवायु

व्यवसायिक रुप से सूकर पालन के लिए बड़े बाड़े की आवश्यकता होती है. जिसमें हवा, पानी, रोशनी की उचित व्यवस्था हो. नर, मादा और शावकों के लिए अलग-अलग बाड़े बनाए गए हैं. शूकर एक पानी पसंद करने वाला पशु है. इसके पालन के लिए नम जलवायु की आवश्यकता होती है. 15 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान काफी अनुकूल होता है. सूकरों के लिए तालाबनुमा बाड़े भी बनाए गए हैं. 

सूकर पालन के लिए चारे की व्यवस्था

सूकर के चारे के लिए ज्यादा लागत लगाने की जरुरत नहीं होती. सूकर बासी, अनाज, चारा, कूड़ा-कचरा, सब्जियां, सड़े-गले भोजन बड़े चाव से खाते हैं. लेकिन गर्भवती व शावकों के उचित विकास के लिए ज्यादा प्रोटीन युक्त भोजन की जरुरत होती है, इसके लिए मकई, मूंगफली की खली, गेहूं के चोकर, मछली का चूरा, विटामिन, खनिज लवण और नमक का मिश्रण दे सकते हैं.

सूकर की नस्लें

सूकर की कई नस्लें पाई जाती हैं. जिनमें संकर नस्लों में सफेद यॉर्कशायर, लैंडरेस, हैम्पशायर, ड्युरोक और घुंघरू प्रमुख हैं.

इनमें घुंघरु नस्ल के शाक तेजी से विकास करते हैं. इनका रंग काला और चमड़ी मोटी होती है. सफेद यॉकशायर प्रजनन के मामले में उन्नत नस्ल है. ये एक बार में 6 से 7 शावकों को जन्म देती है. इसके नर सूकरों का वजन 300-400 किलो और मादा सूकर का वजन 230-320 किलो तक होता है. हैम्पशायर नस्ल मांस व्यवसाय के लिए अच्छी होती है. लैंडरेस नस्ल प्रजनन के मामले में अच्छी होती है. 

सूकर पालन के लिए लोन

सूकर पालन के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है जिसके तहत सब्सिडी दी जाती है. सूकर पालन के लिए बैंक से ऋण भी लिया जा सकता है. आप पशुधन अधिकारी या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर योजनाओं की जानकारी व लाभ ले सकते हैं.

सूकर पालन व्यवसाय में लागत व मुनाफा

छोटे स्तर पर यानि घरेलू उपयोग के लिए सूकर पालन के लिए 50 हजार तक लागत आती है लेकिन बड़े स्तर पर शूकर पालन के लिए शुरु में 2 से 3 लाख की लागत आती है. वहीं मुनाफे की बात करें तो शूकर पालन काफी अच्छा व्यवसाए है.

सुअरों की चर्बी बहुत मंहगी बिकती है. इसका उपयोग औषधीय, चिकनाई, क्रीम बनाने में होता है.2-3 लाख रुपए की लागत में सालभर में शुद्ध 3 से 4 लाख रुपए आसानी से कमा सकते हैं.

English Summary: If you want to earn millions in a short time, then do piggery business, you will earn a lot
Published on: 30 November 2022, 03:31 IST

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