सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 24 January, 2023 12:00 AM IST
ठंड में पशुओं की देखभाल

दुधारू पशुओं को सर्दी में विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है. इससे पशुओं की उत्पादन एवं प्रजनन क्षमता में गिरावट के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाया जा सकता है. भारत दूध उत्पादन में एक अग्रणी देश है, लेकिन प्रति पशु दूध उत्पादन बहुत कम है. सर्दियों में पशुओं पर तनाव के कारण उनेक खान-पान, पोषण एवं दूध उत्पादन पर प्रभाव पड़ता है. जानवरों का भी अपना एक कमफर्ट जोन होता है, जैसे-जैसे तापमान कम होता जाता है, पशुओं में शारीरिक परिवर्तन देखने को मिलने लगता है, जो इसके दूध उत्पादन पर भी असर डालता है. ऐसे में ठंड में पशुओं की खास देखभाल की जरुरत होती है तो आइये आपको हम पशुओं की देखभाल के कुछ तरीकों के बारे में बताते हैं.

देखभाल के तरीके

  • इस ठंड के दौरान बाहरी परजीवी से बचाव के लिए पशुओं को दवा से नहलाये और रोग लगने पर पशु चिकित्सक के परामर्श से ही इंजेक्शन लगवाएं.

  • पशुओं का उचित समय पर कृत्रिम गर्भाधान कराएं. बछिया प्राप्त करने के लिए सेक्स शॉर्टेड सीमेंन, अर्थात लिंग निर्धारित वीर्य का प्रयोग कृत्रिम गर्भाधान में कराएं.

  • खुरपका, मुंहपका रोग से बचाव हेतु समय-समय पर टीकाकरण कराते रहें. पशुओं का गर्भ परीक्षण कराएं तथा पशुओं को बिमारी होने पर जांच उपरांत उपचार कराएं.

  • नवजात शिशुओं को परजीवी नाशक औषधि बदल-बदल कर देते रहना चाहिए. दुधारू पशुओं को थनैला रोग से बचाने के लिए संपूर्ण दूध को मुट्ठी बांधकर निकालें. दूध निकालने से पूर्व एवं दूध निकालने के पश्चात थनों को पोटेशियम परमैंगनेट के घोल से धुलाई करें. दूध निकालने के पश्चात पशु को आहार अवश्य दें, ताकि वह कम से कम आधे घंटे तक जमीन पर न बैठ पाए, क्योंकि दूध निकालने के पश्चात करीब 20 मिनट तक टीट कैनाल खुली रहती है और जमीन पर बैठने से थनैला रोग होने की संभावना बढ़ सकती है.

ये भी पढ़ेंः कड़ाके की ठंड में ऐसे करें अपने पशुओं की देखभाल, जानिए क्या हैं तरीक़े

  • बरसीम रिजका एवं जई का सूखे चारे को साइलेज के रूप में इकट्ठा कर चारे की कमी के समय के लिए सुरक्षित रख दें और गर्भित एवं दुधारू पशुओं को 50 ग्राम खनिज मिश्रण एवं 50 ग्राम नमक को प्रतिदिन देते रहना चाहिए.

English Summary: How to take care of animals in cold weather
Published on: 24 January 2023, 06:07 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now