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Updated on: 18 April, 2025 12:00 AM IST
गर्मी में पशुओं को हीट स्ट्रेस और डिहाइड्रेशन से कैसे बचाएं? (Pic Credit - Getty Images)

Summer livestock tips: अप्रैल का आधा महीना ही बीता है लेकिन गर्म हवाओं ने लोगों के साथ-साथ पशुओं की भी परेशानी बढ़ा दी है. दिन चढ़ते ही तेज धूप और लू चलने लगती है और तापमान भी 40 डिग्री के पार पहुंचने लगा है. अगले महीने यानी मई में यह 45 डिग्री को पार कर सकता है. ऐसे मौसम में सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि पशु हीट स्ट्रेस और डिहाइड्रेशन के शिकार हो जाते हैं. हीट स्ट्रेस और पानी की कमी की वजह से पशुओं का दूध उत्पादन घट जाता है, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और कई बार तो जान तक चली जाती है.

इससे पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान होता है. लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो अगर सही तरीके से पानी पिलाया जाए और कुछ आसान सावधानियां बरती जाएं, तो पशुओं को इस कठिन मौसम से बचाया जा सकता है.

गर्मी में पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए अपनाएं ये 10 जरूरी उपाय

  1. बार-बार पानी पिलाएं: गर्मी के मौसम में पशु जल्दी-जल्दी प्यासे होते हैं. ऐसे में उन्हें दिन में कई बार पानी पिलाएं, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो.
  2. ताजा और ठंडा पानी दें: जहां तक संभव हो, पशुओं को ताजा और हल्का ठंडा पानी दें. बहुत ठंडा या बासी पानी नुकसानदेह हो सकता है.
  3. शरीर पर पानी का छिड़काव करें: पशुओं के शरीर पर दिन में कम से कम तीन बार पानी का छिड़काव करें, इससे उनका शरीर ठंडा रहेगा और हीट स्ट्रेस कम होगा.
  4. चारे में बदलाव करें: पशुओं को 30% सूखी तूड़ी और 70% हरा चारा दें. हरे चारे में नमी होती है जो शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित रखती है.
  5. तूड़ी को भिगोकर खिलाएं: सूखी तूड़ी को बिना भिगोए न खिलाएं. शाम को भिगोई गई तूड़ी को सुबह और सुबह भिगोई गई तूड़ी को शाम को दें.
  1. नमक की ढेली दें: पशु के सामने हमेशा नमक की ढेली रखें. इसे चाटने से प्यास लगती है और पशु पानी पीते रहते हैं.
  2. नहलाना न भूलें: दिन में कम से कम दो बार – सुबह और शाम – पशुओं को नहलाएं. इससे शरीर का तापमान नियंत्रित रहेगा.
  3. रहने की जगह को ठंडा रखें: जहां पशु बांधे जाते हैं, वहां भी पानी का छिड़काव करें, जिससे वहां का तापमान कम रहे.
  4. छायादार स्थान पर रखें: दोपहर के समय पशुओं को सीधी धूप में न रखें. उन्हें छायादार जगह पर बांधें, ताकि गर्मी से बच सकें.
  5. नमक-चीनी का घोल दें: अगर पानी की कमी हो गई हो तो पशुओं को नमक और चीनी का घोल पिलाएं, जिससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बना रहेगा.

ऐसे पहचानें पशु में पानी की कमी

अगर पशु में डिहाइड्रेशन हो गया है तो उसके कुछ स्पष्ट लक्षण होते हैं, जैसे:

  • भूख न लगना
  • सुस्ती और कमजोरी
  • गाढ़ा पेशाब आना
  • वजन घटना
  • आंखों का सूखना
  • त्वचा का खुरदरा हो जाना
  • दूध उत्पादन में कमी
  • चमड़ी को खींचने पर देर से अपनी जगह पर आना

ये सभी संकेत बताते हैं कि पशु को तुरंत पानी और देखभाल की जरूरत है.

पशुपालकों के लिए जरूरी सलाह

गर्मी के मौसम में पशुओं की देखभाल में लापरवाही न करें. अगर समय रहते उचित कदम उठा लिए जाएं तो न केवल जानवरों को बीमारियों से बचाया जा सकता है, बल्कि दूध उत्पादन में भी कमी नहीं आती. साथ ही इलाज पर खर्च होने वाले पैसे की भी बचत होती है. इसलिए अभी से पशुओं की सुरक्षा और देखभाल पर ध्यान देना शुरू कर दें, ताकि मई-जून की भीषण गर्मी में आपके पशु स्वस्थ और सक्रिय बने रहें. गर्मी के इस सीजन में थोड़ी सी समझदारी और समय पर की गई देखभाल आपके पशुधन को ही नहीं, आपकी आमदनी को भी सुरक्षित रख सकती है.

English Summary: how to protect animals from heat stress and dehydration in summer hindi
Published on: 18 April 2025, 10:43 IST

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