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Updated on: 14 January, 2021 12:00 AM IST
Magur Fish

यदि आप भी मछली पालन करके कमाई करने के बारे में सोच रहे हैं तो देसी मांगुर मछली का पालन एक बेहतर विकल्प हो सकता है. मछलियों की अन्य किस्मों की तुलना में इसका बाजार भाव अधिक मिलता है. जहां तक मांगुर मछली की बात करें तो इसका वैज्ञानिक नाम क्लैरियस मांगुर है और यह मीठे पानी की वायुश्वासी प्रजाति मानी जाती है. इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन जैसे तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. तो आइए जानते हैं देसी मांगुर मछली का पालन कैसे करें.

मांगुर पालन के लिए तालाब का निर्माण

तालाब निर्माण के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है. ध्यान रहे तालाब निर्माण के पहले मिट्टी का परीक्षण जरूर करवा लेना चाहिए. वहीं मिट्टी का क्षारीय और अम्लीय पीएचमान 7 से 8 तक होना चाहिए. जगह का चुनाव करते हुए इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि तालाब तक पहुंचने के आवागमन की बेहतर सुविधा हो तथा तालाब पर बाढ़ का प्रकोप न पड़े. साथ ही पानी के पर्याप्त साधन होना चाहिए ताकि तालाब को खाली और भरा जा सकें.

मांगुर पालन के लिए पानी की गुणवत्ता

तालाब में भरे जाने वाला पानी गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए. इसके लिए पानी का पीएचमान 7 से 8.5 तक उपयुक्त माना जाता है. वहीं तापमान 27 से 31 डिग्री एवं पारदर्शिता 35 से 40 सेंटीमीटर होना चाहिए. पानी में घुलित आक्सीजन की मात्रा 5 से 7 मि.ग्रा. प्रति लीटर उत्तम होती है. जबकि पानी की गहराई 0.75 से 1 मीटर तक उपयुक्त होती है.

मांगुर पालन करने के फायदे

1. देसी मांगुर प्रतिकुल परिस्थितियों में भी आसानी से ग्रोथ कर लेती है.

2. इसका पालन कम घुलित आक्सीजन वाले पानी में भी आसानी से किया जा सकता है.

3. इसका बाजार मूल्य काॅप मछलियों की तुलना में अधिक मिलता है. वहीं बाजार में डिमांड भी काफी रहती है.

4. अन्य प्रजातियों की तुलना में इसके पालन का प्रबंधन आसान और सरल होता है.

मांगुर पालन के लिए आहार प्रबंधन

मछली की यह प्रजाति मांसाहारी होती है इसलिए इसे सुखी मछलियां, मछलियों का चूरा, केकड़ावंशी प्राणी, लार्वा और कीट पतंगे खूब भाते हैं. इसके अलावा इन्हें चावल का कना और सरसों की खली भी खिलाई जा सकती है. सुखी मछलियां इसके लिए आदर्श भोजन माना जाता है क्योंकि इसमें 30 से 32 प्रतिशत प्रोटीन होता है.

मांगुर पालन के लिए तालाब की तैयारी

तालाब का निर्माण आयताकार होना चाहिए. वहीं तालाब से अवांछित मछलियों को मारने के लिए प्रति हेक्टेयर 2500 किलोग्राम महुआ की खली डालना चाहिए. वहीं तालाब को कीटाणु रहित बनाने के लिए समय-समय पर तालाब में चुना डालना चाहिए.

मांगुर पालन के लिए शिशु की प्राप्ति

मांगुर का बीज पश्चिम बंगाल, बिहार और असम राज्य से आसानी से मंगाया जा सकता है. इसके शिशु को पानी के छोटे गड्ढों और तालाबों में आसानी से प्राप्त किया जाता है. जब मांगुर शिशु 8 से 10 दिनों बाद 3 से 5 ग्राम के हो जाए तब इन्हें तालाब में स्थानांतरित कर देना चाहिए. प्रति हेक्टेयर आकार के तालाब में 50 से 70 हजार मांगुर शिशुओं की आवश्यकता पड़ती है.

मांगुर पालन के लिए उत्पादन और आमदानी

देसी मांगुर 10 से 12 महीनों बाद लगभग 100 से 150 ग्राम की हो जाती है. मछलियों की अन्य प्रजातियों की तुलना मांगुर के बाजार में अच्छे दाम मिलते हैं. इसे यदि फुटकर भाव में बेचा जाए तो यह 500 से 600 रूपए किलो बिकती है. एक हेक्टर तालाब से लगभग 2 से 3 टन मांगुर मछलियों का उत्पादन होता है. जिससे मछली पालक 8 लाख 30 हजार रूपए का शुद्ध मुनाफा पा सकते हैं. वहीं इसमें खर्च लगभग 5 लाख 45 हजार रूपए का आता है.

English Summary: how to magur fish rearing let's know full information
Published on: 14 January 2021, 06:41 IST

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