बिहार के सीवन जिले में मछलीपालन को बढ़ावा देने के लिए निजी तालाबों के निर्माण पर खासा जोर दिया जा रहा है। पूरे जिले में सरकारी तालाबों के अलावा निजी स्तर पर मछलीपालन के तालाब खोदने से लेकर मछली पालन तक के लिए मत्स्य विभाग द्वारा कई तरह की योजनाओं को शुरू किया गया है। विभाग की पूरी कोशिश है कि मत्स्य पालन करके आर्थिक रूप से सम्पन्न बनाने के लिए अनुदान की भी व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही मछली पालन के तौर-तरीकों और उचित देख रेख के लिए मत्स्य विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिलवाया जा रहा है। मछली के अंडों से छोटी-छोटी मछलियों के बीज को बनाने के लिए नर्सरी तालाब के निर्माण पर सरकार द्वारा सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है।
विभिन्न योजना
मत्स्य विभाग के अधिकारी के जयशंकर ओझा के मुताबिक इस साल मछलीपालन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं बनाई जा रही है। इसके लिए सभा प्रखंडों से तीन स्तरीय प्रशिक्षण के लिए 150 लोगों को विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों पर भेजा जा रहा है। इस वर्ष जिलें में 7 हेक्टेयर नये तालाब और 7 हेक्टेयर राइटिंग तालाब का निर्माण करवाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही अनुदान के लिए 75 लाख रूपये जिले मत्स्य पालन विभाग के पास उपलब्ध है। इसके अलावा तालाब निर्माण करवाने के लिए जिलेभर से दर्जनों आवेदन प्राप्त हुए है।
मछली पालन कैसे करें
मछली पालन की शुरुआत करने से पहले तालाब को साफ करवा लें। इसके बाद मछलियों के बच्चों को पानी में डाल दें। उसके बाद मछलियां तैयार होने पर उनके आहार का पूरा ध्यान रखें. मछलियों को खाने में सरसों की भूसी और चावल की भूसी को नियमित समय पर डालें.
किशन अग्रवाल, कृषि जागरण