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Updated on: 29 April, 2025 12:00 AM IST
Goat Farming: जमुनापारी नस्लों का चयन सबसे उपयुक्त ( Image SourceL: Adobe Stock)

Goats Breeds Subsidy: बिहार में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार नई योजनाएं चला रही है. इस दिशा में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार ने बकरी पालन को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. विभाग का मानना है कि बकरी पालन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सकती है और किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी हो सकती है. सही नस्ल का चयन इस कार्य में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

भारत में बकरियों की कई प्रमुख नस्लें पाई जाती हैं, जैसे जमुनापारी, बीटल, बारबरी, कच्छी, ब्लैक बंगाल, सुरती, मालवारी और गुजराती. इन नस्लों की बकरियां अपने दूध, मांस और खाद्य उत्पादन के लिए जानी जाती हैं. लेकिन बिहार जैसे राज्य की जलवायु और परिस्थितियों को देखते हुए सभी नस्लें यहां पूरी तरह अनुकूल नहीं हो पातीं.

ब्लैक बंगाल और जमुनापारी नस्ल की बकरियां

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अनुसार, ब्लैक बंगाल और जमुनापारी नस्ल की बकरियाँ बिहार की जलवायु में बेहतर ढंग से पल-बढ़ सकती हैं. ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरियाँ छोटे कद की होती हैं, लेकिन इनकी उत्पादकता काफी अधिक होती है. यह नस्ल कम चारे में भी अच्छा उत्पादन देती है और विपरीत परिस्थितियों में भी आसानी से जीवित रह सकती है. इसके अलावा, ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरियाँ जल्दी प्रजनन करती हैं और इनसे मिलने वाला मांस स्वादिष्ट होता है, जिसकी बाजार में अच्छी मांग रहती है.

वहीं दूसरी ओर, जमुनापारी नस्ल को बकरियों की "ऊंटनी" भी कहा जाता है, क्योंकि इनका आकार काफी बड़ा होता है. जमुनापारी बकरियाँ अधिक मात्रा में दूध देती हैं और इनका उपयोग दुग्ध उत्पादन के लिए भी किया जाता है. इन बकरियों का मांस भी उच्च गुणवत्ता वाला होता है. बिहार के किसानों के लिए यह नस्ल भी एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है, खासकर उन किसानों के लिए जो व्यवस्थित और बड़े पैमाने पर बकरी पालन करना चाहते हैं.

बकरी पालन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और अनुदान की सुविधा

बिहार सरकार का मानना है कि यदि किसान ब्लैक बंगाल और जमुनापारी नस्ल की बकरियों का पालन करें, तो उन्हें अपेक्षित लाभ मिल सकता है. इसके साथ ही, सरकार बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, ऋण सुविधा और अनुदान योजनाओं को भी लागू कर रही है. आपके लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) भी अच्छा विकल्प हो सकती है. इस योजना के तहत आप 10 लाख रुपये तक का लोन बिना किसी गारंटी के प्राप्त कर सकते हैं. यह योजना स्टार्टअप और छोटे व्यवसायियों के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है.

विशेषज्ञों के अनुसार, उचित देखभाल, पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं के साथ यदि इन नस्लों का पालन किया जाए तो बकरी पालन व्यवसाय किसानों के लिए आय का एक स्थायी और लाभकारी स्रोत बन सकता है.

इस प्रकार, बिहार में बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए नस्ल का सही चयन करना अनिवार्य है. ब्लैक बंगाल और जमुनापारी नस्ल की बकरियाँ इस दिशा में किसानों के लिए आशा की नई किरण बन सकती हैं.

English Summary: Bihar Government Goat training and subsidy for Goat Farming breeds of goats to rear
Published on: 29 April 2025, 10:56 IST

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