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Updated on: 29 November, 2023 12:00 AM IST
Bhadawari Buffalo. (Image Source: NDDB)

Bhadawari Buffalo: देश के ग्रामीण इलाकों में हमशा से पशुपालन का चलन रहा है. खेती के बाद किसानों के लिए ये आय का दूसरा मुख्य स्त्रोत है. यही वजह है पिछले कुछ सालों में पशुपालन का व्यवसाय तेजी से बढ़ा है. ग्रामीण इलाकों में मुख्य तौर पर पशुपालन दूध के लिए किया जाता है. दूध और अन्य डेयरी उत्पादों की बढ़ती खपत को देखते हुए बाजार में दूध की मांग भी तेजी से बढ़ी है. अकेला भारत ही हर साल 200 मिलियन टन से ज्यादा दूध का उत्पादन कर देता है.

दूध की इस मांग को देखते हुए अब कई लोग डेयरी बिजनेस शुरू कर रहे हैं. लेकिन, डेयरी बिजनेस शुरू करने से पहले एक सही गाय या भैंस का चयन करना बेहद जरूरी है. ऐसे में अगर आप भी डेयरी व्यवसाय शुरू करने की सोच रहे हैं, तो ये खबर आप ही के लिए हैं. इस खबर में हम आपको भैंस की एक एसी नस्ल के बारे में बताएंगे, तो डेयरी किसानों की पहली पसंद मानी जाती है. जी हां, हम बात कर रहे हैं भैंस की भदावरी नस्ल की.

महाभारत काल से है नाता

भदावरी भैंस मुख्य तौर पर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में फैली यमुना, चंबल और उटंगन नदियों के बीहड़ों में पाई जाती हैं. कहते हैं की महाभारत काल के प्राचीन राज्य भदावर पर भैंस की इस नस्ल का नाम पड़ा है. भैंस की इस नस्ल को इटावा के नाम से भी जाना जाता है. भदावरी भैंस एक डेयरी भैंस की नस्ल है. इसे मुख्य रूप से दूध उत्पादन के लिए पाला जाता है. इसकी दूध उत्पादन क्षमता के चलते किसान और डेयरी पालक इसे पालना पसंद करते हैं. भदावरी भैंस एक ब्यांत में 1200 से 1500 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है. ऐसे में अगर आप भी इस भैंस को कमाई का एक साधन बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले इसकी पहचान, कीमत और खासियतें जान लें.

भदावरी भैंस की पहचान और विशेषताएं (Characteristics of Bhadawari Buffalo)

  • भदावरी भैंस कम संसाधनों में भी आसानी से पाली जा सकती है. इसे छोटे या भूमिहीन किसान भी आसानी से पाल सकते हैं.

  • भदावरी नस्ल की भैंसें अन्य नस्ल की भैंसों के अपेक्षा अधिक गर्मी सहन कर सकती हैं.

  • इस भैंस की मुख्य पहचान तांबे जैसी लालिमा लिए बदामी रंग है.

  • भदावरी भैंस की शरीर का आकार मध्यम, आगे से पतला और पीछे से चौड़ा होता है.

  • इनके सींग चपटे, मोटे और पीछे की तरफ मुड़कर ऊपर अंदर की तरफ मुड़े होते हैं.

  • गर्दन के निचले भाग पर दो सफेद धारियां होती है जिन्हें कंठमाला या जनेऊ कहते है.

  • इसके नर पशुओं का वजन 400 से 500 के किलों तथा मादा पशुओं का वजन 350 से 400 किलो होता है.

  • भदावरी नस्ल के पशु कई बीमारियों के प्रति रोग प्रतिरोधी होते हैं.

इतनी है कीमत 

भदावरी नस्ल की भैंस के दूध में फैट प्रतिशत अधिक होता है. जिस वजह से किसान और डेयरी पालक इसे खरीदना पसंद करते हैं. एक भदावरी भैंस की कीमत 60 से 80 हजार रुपये के बीच होती है. अगर आप मोल-भाव करें तो ये आपको कम कीमत पर भी मिल जाएगी. वहीं, दूध उत्पादन की बात की जाए तो यह भैंस एक ब्यांत में 1200 से 1500 लीटर और प्रतिदिन 6 से 8 लीटर तक दूध दे सकती है. अगर इसका अच्छे से रखरखाव किया जाए, तो ये आपको बेहतर परिणाम देगी.

English Summary: bhadawari buffalo dairy-farming-bhadawari-buffalo-milk-per-day-price-best-buffalo-for-dairy-business
Published on: 29 November 2023, 12:33 IST

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