ऊंटनी के दूध में मौजूद स्वास्थय गुणों को जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. इसके अंदर मौजूद गुणों की वजह से ही इन दिनों ऊंटनी के दूध की विशेष मांग है. और ये मांग लगातार बढ़ती जा रही है. ऊंटनी के दूध में फायदेमंद असंतृप्त वसीय अम्ल, विटामिन और खनिज लवण की उच्च मात्रा और औषधीय गुण मौजूद होते हैं जिसके कारण यह दूध सुपरफूड की श्रेणी में रखा जा सकता है. स्वास्थय संबंधी विशेषताओं को देखते हुए ऊंटनी का दूध पोषण की दृष्टि से दूसरे डेयरी पशुओं से श्रेष्ठ है. इसके इतने गुणों के कारण और अन्य अनुसन्धान करने के लिए राजस्थान के बीकानेर में ऊंट अनुसन्धान केंद्र (NRC) की स्थापना की गई थी.
ऊंटनी के दूध से निर्मित उत्पाद (Camel milk products)
इसके दूध से कुल्फी, चीज, पनीर, खीर, चोकलेट, गुलाब जामुन, बर्फी, पेड़ा, संदेश, मिल्क पाउडर जैसे प्रॉडक्ट बनते है. इसके अलावा इसे दवाइयों में भी इस्तेमाल किया जाता है. अपने गुणों की वजह ऊंट के दूध की कीमत बहुत ज्यादा है.
ऊंटनी के दूध से फायदे (Benefits of camel milk)
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इसके दूध में उपस्थित ग्लोब्यूल्स वसा की कम मात्रा और एग्लूटीनिन की अनुपस्थिति के कारण ऊंटनी का दूध जल्दी पच जाता है.
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अगर किसी व्यक्ति को दूध से एलर्जी है उसके लिए ये उपयोगी है. गौरतलब है कि बहुत से लोगों का शरीर अन्य दूध को ग्रहण नहीं कर पाता है जिसकी वजह से बहुत से लोग दूध पीना ही बंद कर देते हैं. क्योंकि ऊंट के दूध में मेलैक्टोग्लोब्यूलिन नहीं होता जिससे एलर्जिक की समस्या भी नहीं आती है. इसलिए ये बहुत जल्दी पच जाता है और हर कोई इसे पी सकता है.
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कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली को इस दूध के निरंतर सेवन से प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सकता है|
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गाय के दूध की तुलना में ऊंटनी के दूध में वसा, प्रोटीन और कार्बोहाईड्रेट की कम मात्रा होती है और असंतृप्त वसा अम्ल के कारण हृदय रोग के जोखिम बहुत ही कम हो जाता है.
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शिशुओं में ऊंटनी का दूध तेजी से हड्डियों का निर्माण और आंतरिक रोगो को खत्म करने में मदद करता है.
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ऊंटनी के दूध में इंसुलिन की भरपूर मात्रा होती हैं, जिससे शरीर में शुगर की मात्रा नहीं बढ़ती और ऊंटनी के दूध से डायबिटीज का इलाज भी किया जाता है.
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विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होने की वजह से ऊंट की दूध से त्वचा को एंटीऑक्सीडेंट मिलता है और यह त्वचा की कोशिकाओं और रक्त वाहिकाओं के विकास में मदद करता है. जिससे झुर्रियां भी कम पड़ती है.
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ऊंटनी के दूध और इसके उत्पादों से अल्सर, लीवर सम्बन्धी रोग, डायरिया और तपेदिक का इलाज किया जाता है.
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नई खोज के अनुसार इसके दूध से पीलिया, फेफड़े से संबन्धित रोग, अस्थमा, एनीमिया आदि रोगों के इलाज में उपयोग किया जाता है|
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लैक्टिक एसिड जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि कर बायोएंजाइम की क्रियाशीलता बढ़ाता है.
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इसमें पेप्टिडोग्लाइकन-रिकग्निशन नामक प्रोटीन होता है, जो मेटास्टेसिस को नियंत्रित कर स्तन कैंसर और आंत के कैंसर से बचाता है.
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राजस्थान के बीकानेर में स्थापित ऊंट अनुसन्धान केन्द्र ऊंट पर नई खोज, दूध से निर्मित उत्पादों की सम्पूर्ण जानकारी और ऊंट पालन का प्रशिक्षण देता है. अगर किसी को ज्यादा जानकारी चाहिए तो संपर्क कर सकते हैं.
ऊंट अनुसन्धान केंद्र (NRC), बीकानेर, राजस्थान
हेल्पलाइन नंबर-151-2230183