हरियाणा के सिरसा जिले से आया मुर्रा नस्ल का भैंसा अनमोल, जिसकी कीमत 23 करोड़ रुपये आंकी गई है, इस बार राजस्थान के प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले में सबसे बड़ा आकर्षण बना हुआ है. अपनी शानदार कद-काठी, भारी वजन और बेमिसाल खूबियों के कारण यह भैंसा न केवल मेले में चर्चा का विषय है, बल्कि भारतीय पशुधन की उत्कृष्टता और परंपरा का प्रतीक भी है.
पुष्कर मेला, जो हर साल देश-विदेश से लाखों लोगों को आकर्षित करता है, इस बार अनमोल की वजह से और भी खास बन गया है. अपनी नस्ल की विशिष्टता और मालिक की विशेष देखभाल के कारण अनमोल ने न केवल मेले में हिस्सा लेने वाले 15 भैंसों को पीछे छोड़ते हुए अंतरराष्ट्रीय चैम्पियन का खिताब जीता, बल्कि अपनी शानदार उपस्थिति से मेले में आए हर व्यक्ति का अपनी ओर ध्यान भी खिंचा है.
अनमोल की अद्भुत खूबियां
अनमोल भैंसा की ऊंचाई 5 फीट 8 इंच और लंबाई 13 फीट है. इसका वजन लगभग 1500 किलो है, जो इसे मेले में शामिल अन्य भैंसों से अलग बनाता है. मुर्रा नस्ल के इस भैंसे ने मेले में आए 15 अन्य भैंसों को पीछे छोड़ते हुए अंतरराष्ट्रीय चैम्पियन का खिताब अपने नाम किया. मुर्रा नस्ल की भैंसें अपनी उच्च दूध उत्पादन क्षमता के लिए जानी जाती हैं. ये भैंसें प्रतिदिन 18-20 किलो दूध देती हैं, जिसकी वजह से इस नस्ल के अच्छे भैंसा की कीमत लगभग करोड़ों में होती है!
विशेष डाइट और देखभाल का परिणाम
अनमोल भैंसा की डाइट बेहद खास है. इसे प्रतिदिन लगभग 1500 से 2000 रुपये का आहार दिया जाता है, जिसमें बादाम, काजू, दूध, और दलिया समेत चारा शामिल हैं. इसके खान-पान और देखभाल पर सालाना 3 से 4 लाख रुपये खर्च होते हैं. यह स्पेशल डाइट इसे ताकतवर और आकर्षक बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है. इसके मालिक परमिंदर का कहना है कि अनमोल के खान-पान और देखभाल में कोई भी समझौता नहीं किया जाता.
सम्मान और उपलब्धियां
अनमोल ने पुष्कर मेले में अपनी जीत से पहले भी कई राज्यों में आयोजित मेलों में पुरस्कार जीते हैं. इसकी कद-काठी और खूबसूरती हर किसी को प्रभावित करती है. इसे कई बार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड्स से नवाजा जा चुका है. इस बार मेले में राजस्थान सरकार के मंत्री इसे सम्मानित करेंगे, जो न केवल मालिक बल्कि पूरे हरियाणा के लिए गर्व की बात है.
मालिक की मेहनत का नतीजा
अनमोल के मालिक परमिंदर इसे अपने परिवार का सदस्य मानते हैं. उन्होंने इसे बेहद प्यार और देखभाल के साथ पाला है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, परमिंदर का कहना है कि अनमोल सिर्फ एक भैंसा नहीं, बल्कि उनकी भावनाओं और कड़ी मेहनत का परिणाम है. उन्होंने इसे बचपन से पाला है और इसके खान-पान, स्वास्थ्य और प्रशिक्षण पर खास ध्यान दिया है.
पुष्कर मेले का आकर्षण
राजस्थान का अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला हर साल लाखों लोगों को आकर्षित करता है. इस बार अनमोल ने मेले को और खास बना दिया है. इसकी ऊंचाई, वजन और चमकदार काले रंग ने हर किसी का ध्यान खींचा है. लोग न केवल इसे देखने, बल्कि इसके साथ तस्वीरें खिंचवाने के लिए भी उत्साहित हैं. मेले में आए पशु प्रेमियों और किसानों के लिए यह भैंसा एक प्रेरणा है.
मुर्रा नस्ल का महत्व
मुर्रा नस्ल की भैंसें भारत की सबसे प्रसिद्ध और उच्च गुणवत्ता वाली भैंसें हैं. इनका दूध प्रोटीन और वसा से भरपूर होता है, जिससे यह नस्ल डेयरी उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान रखती है. हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में इस नस्ल के भैंसों को विशेष रूप से पाला जाता है. अनमोल जैसी भैंसें इस नस्ल की श्रेष्ठता का प्रमाण हैं.