भारत सरकार द्वारा देश में किसानों के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं. इसी में से एक योजना पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) है. यह योजना नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा साल 2019 में किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से शुरू की गई थी. इस योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पंप लगाने के लिए प्रेरित किया जाता है. ऐसे में चलिए इस योजना के बारे में पूरी जानकारी जानते हैं.
क्या हैं पीएम कुसुम योजना?
किसानों को इस योजना के तहत अपने खेतों में सोलर पंप लगवाने पर 60 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलती है. इसके साथ ही उन्हें सरकार द्वारा कुल लागत का 30% बैंक से ऋण यानी लोन भी मिल जाता है. ऐसे में देखें, तो किसानों को सोलर पंप लगवाने के लिए पहली बार बस 10 फीसदी ही भुगतान करना पड़ता है, क्योंकि इसके पूरे भुगतान का 60 प्रतिशत खर्च केंद्र और सरकारें वहन करेगी और बाकी बचे 30 प्रतिशत बैंक लोन के रूप में वहन करेगा, जिसका किसान बाद में आसानी से भुगतान कर सकेंगे. ऐसे में अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो जल्द ही आवेदन कर लें.
पीएम कुसुम योजना के लिए ऐसे करें आवेदन?
जो भी किसान भाई इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वो सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट https://www.india.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भर सकते हैं.
पीएम कुसुम योजना के लिए जरूरी दस्तावेज
ऑनलाइन पंजीकरण फॉर्म भरने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज जरूरी हैं-
आधार कार्ड
भूमि दस्तावेज
एक घोषणा पत्र
बैंक खाता विवरण
रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर
ये भी पढ़ें- Kusum Yojana 2022: फ्री सोलर पंप पाने के साथ लाखों रुपये का मुनाफा कमाने के लिए जल्द करें आवेदन
पीएम कुसुम योजना का उद्देश्य
पीएम कुसुम योजना किसानों को सिंचाई के उद्देश्य से अक्षय ऊर्जा का लाभ उठाने, अतिरिक्त आय उत्पन्न करने और किसानों व पर्यावरण दोनों के लिए दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करने के मदसद से शुरू की गई है.
जैसा की इस बात से सभी वाकिफ होंगे कि देश में ऐसे कई किसान हैं, जो आज भी डीजल इंजनों से खेतों की सिंचाई पर निर्भर हैं. डीजल के लगातार बढ़ते दामों के बीच इस प्रक्रिया से सिंचाई करना किसानों के लिए काफी महंगा पड़ता है. ऐसे में पीएम कुसुम योजना के तहत किसान अपनी खेतों में सोलर पंप लगाकर डीजल इंजन की सिंचाई प्रक्रिया से छूटकारा पा सकते हैं. इससे उनका ईंधन खरीदने पर खर्च हो रहा पैसा बचेगा. इसके साथ ही वो आसानी से खेतों में सिंचाई का काम पूरा कर सकेंगे.