अन्नदाता द्वारा उत्पादित फसल को उपभोक्ता (तीसरे स्तर ) तक पहुंचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार साथ मिलकर कई योजना चला रही हैं. इतना ही नहीं किसानों को आनाज की खेती के बाद फल और सब्जी की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित भी करती हैं.
बता दें बिहार में बागवानी विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रहे मिशन ऑन इंटिग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ़ हार्टिकल्चर के साथ मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना और बागवानी पर आधारित राज्य योजनाओं का भी कार्यान्वयन हो रहा है . गतवर्ष की बात करें तो इस तरह की योजनाओं में राज्य सरकार को अच्छा परिणाम मिला था यही कारण हैं की इस बार भी इन योजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है.
गतवर्ष बिहार सरकार ने राज्य के 23 जिलों को 14 बागवानी फसल तथा इन जिलों में फसल विशेष के विकास के लिए उधानिकी योजना शुरू की थी. किसानों को बागवानी विकास योजनाओं के तहत वर्ष 2019–20 में 585 हेक्टेयर क्षेत्र में आम, 24 हेक्टेयर में अमरुद, 98 हेक्टेयर में लीची, 1383 हेक्टेयर में टिशू कल्चर केला, 91 हेक्टेयर में पपीता, 11 हेक्टेयर में स्ट्राबेरी के बागवानी लिए सब्सिडी दी गई.
इस बार बिहार सरकार किसानों के द्वारा फसल को उत्पादित करने के साथ फसल को बाजार में पहुंचाने पर सहयता राशि दे रही है. बता दें इस बार कृषि विभाग द्वारा राज्य के किसानों को फार्म प्रोड्यूसर संगठन के उत्पादन के बाद ऊपज के उचित रख–रखाव, मूल्य संवर्धन, शाटिंग, ग्रेडिंग, पैकेजिंग और प्राथमिक प्रोसेसिंग के लिए आधारभूत संरचना निर्माण हेतु 90 प्रतिशत की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है . इस योजना में किसानों को 10 लाख रूपये कि लागतआती है जिसमे से 9 लाख रुपये सरकार सब्सिडी दे रही है. यदि आप भी बिहार से है तो आप भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.