गेहूं रबी की प्रमुख फसल है. इसकी खेती इनदिनों देश भर के किसान कर रहे है. गेहूं (Wheat ) की खेती दुनिया भर में की जाती है. विश्व भर में, भोजन के लिए उगाई जाने वाली धान्य फसलों मे मक्का के बाद गेहूं दूसरी सबसे ज्यादा उगाई जाने वाले फसल है, धान का स्थान गेहूं के ठीक बाद तीसरे स्थान पर आता है. गौरतलब है कि इसकी खेती हेतु केंद्र व राज्य सरकार समय – समय पर अलग – अलग योजनाओं के अंतर्गत सुविधाएं भी देती है. इसी कड़ी में “एनएफएसएम-गेहूं” योजना के अंतर्गत हरियाणा सरकार, राज्य के सभी किसानों को गेहूं की बुवाई करने हेतु “राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन – गेहूं” के अंतर्गत सब्सिडी प्रदान कर रही है.
इस योजना की धनराशि कुल 3750 एकड़ क्षेत्रफल में आवंटित होगी. तो वही इसके लिए कुल 135.0 लाख रुपये की धनराशि आवंटित किया गया है. इस योजना के अंतर्गत किसानों को सहायता राशि प्रति एकड़ 600 रुपये मिलेगी.
1. एक किसान को अधिकतम 1 हैक्टेयर (2.5 एकड़) का लाभ दिया जाएगा.
2. 20 प्रतिशत लाभ अनुसूचित जाति/30 प्रतिशत महिला किसान/33 प्रतिशत लधु एवं सीमान्त किसानों के लिए उपलब्ध है.
3. किसान हरियाणा बीज विकास निगम के विक्रय केन्द्र से बीज खरीदेगा व अन्य प्रयोग होने वाली कृषि सामग्री (बीज के अतिरिक्त) भूमि सुधार विकास निगम/ हरियाणा बीज विकास निगम/सरकारी/अर्ध सरकारी/सहकारी समीति या अधिकृत विक्रेता से खरीद कर रसीद सम्बधित कृषि विकास अधिकारी के पास भेजेगा तथा कृषि विकास अधिकारी सत्यापन करके उचित माध्यम द्वारा उप कृषि निदेशक के कार्यालय में भेजेगा. इसके पश्चात उप कृषि निदेशक के कार्यालय द्वारा अनुदान राशि किसान के बैंक खाते में भेज दी जाएगी.
स्कीम का लाभ लेने के लिए लाभार्थी के लिए निम्न शर्त अनिवार्य हैः
प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना में शामिल होना चाहिए.
फसल अवशेष जलाने का दोषी न हो.
मृदा स्वास्थ्य कार्ड धारक होना चाहिए.
सूक्ष्म सिचांई तकनीक अपनाने वाले को वरियता दी जाएगी.