Rooftop Gardening Scheme: छत पर बागवानी योजना 2024-25 का उद्देश्य शहरी छतों पर जैविक फल, फूल और सब्जियों की खेती को बढ़ावा देना है. इस योजना के माध्यम से उन्नत तकनीक का उपयोग करते हुए उत्पादन बढ़ाने और शहरी निवासियों को स्वस्थ और ताजा खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने का लक्ष्य है. फिलहाल यह योजना बिहार के चार प्रमुख शहरों- पटना, गया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में लागू की जा रही है. राज्य सरकार की इस स्कीम के तहत फार्मिंग बेड के लिए 36,430 रुपये की सब्सिडी उपलब्ध करवाई जा रही है.
बता दें कि ‘छत पर बागवानी योजना 2024-25’ न केवल शहरी निवासियों को ताजा और जैविक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराएगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और हरित शहरीकरण में भी अहम भूमिका निभाएगी. यह योजना शहरी जीवन को स्वस्थ, हरित और सशक्त बनाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है.
योजना के तहत मुख्य प्रावधान
इकाई लागत:
- फार्मिंग बेड: 48,574 रुपये प्रति इकाई.
- गमले: 8,975 रुपये प्रति इकाई.
सहायता अनुदान:
- फार्मिंग बेड पर: 36,430 रुपये की सब्सिडी.
- गमले पर: 6,731 रुपये की सब्सिडी.
योजना का लाभ
- जैविक खेती को बढ़ावा: छतों पर फल, फूल और सब्जियों की जैविक खेती से रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को कम करने में मदद.
- शहरी हरियाली: शहरी क्षेत्रों में हरियाली बढ़ने से पर्यावरण संतुलन रहेगा और साथ ही बढ़ते प्रदूषण को रोकने में भी यह एक महत्वूपर्ण कदम साबित हो सकता है.
- स्वास्थ्य लाभ: शुद्ध और ताजा फल-सब्जियों की उपलब्धता शहरी निवासियों के स्वास्थ्य में सुधार करेगी.
- आर्थिक बचत: घर पर उगाई जाएगी ताजा सब्जियां और फल जो बाजार से खरीदने की आवश्यकता को कम करेंगी.
योजना का कार्यान्वयन
मिली जानकारी के मुताबिक, छत पर बागवानी योजना 2024-25 को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए विशेषज्ञों की सहायता ली जाएगी. प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे उन्नत तकनीक का सही उपयोग कर सकें. साथ ही, गमले और फार्मिंग बेड/ Pots and Farming Beds की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा संबंधित संसाधनों की आपूर्ति की जाएगी.
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक लोग संबंधित नगर निगम या कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं. इसके लिए आवेदन पत्र ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध होंगे.