आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने किसानों को एक बेहद खास तोहफा दिया है. दरअसल, वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इसके तहत पीएम मोदी ने मत्स्य पालन और पशुपालन क्षेत्र के लिए कई अहम योजनाओं की शुरुआत की है. पीएम मोदी ने पीएमएमएसवाई यानी प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana) को लॉन्च किया है. इस योजना के तहत लगभग 55 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. इस योजना की शुरुआत बिहार से हुई है. इसके साथ पीएम मोदी ने मोबाइल ऐप ई-गोपाला का भी शुभारंभ किया है. यह ऐप किसानों को पशुधन के लिए ई-मार्केटप्लस उपलब्ध कराएगा. इसके साथ ही पूर्णिया में अत्याधुनिक सुविधाओं वाले वीर्य केंद्र का उद्घाटन किया है. इस पर लगभग 84.27 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है. इस केंद्र के लिए बिहार सरकार ने 75 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई है. इसके उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने किसानों से बातचीत भी की है. यह बातचीत पशुधन और मत्स्य पालन क्षेत्रों को लेकर हुई.
क्या है पीएमएमएसवाई यानी मत्स्य संपदा योजना (PMMSY-Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana )
देश में मत्स्य पालन एक उभरता हुआ क्षेत्र बनता जा रहा है. इस क्षेत्र की वजह से लगभग 15 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है, इसलिए केंद्र सरकार मत्स्य पालन के लिए लगातार बढ़ावा दे रही है. सरकार का लक्ष्य है कि साल 2024-25 तक लगभग 55 लाख लोगों को रोजगार मिल पाए.
मत्स्य संपदा योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य मछली उत्पादन बढ़ाने और रोजगार का सृजन करने का है. मत्स्य पालन सचिव डॉ. राजीव रंजन की मानें, तो मछली उत्पादन को साल 2018-19 में 137.58 लाख टन से बढ़ाकर साल 2024-25 में 220 लाख टन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके अलावा साल 2024-25 में औसत जल कृषि उत्पादकता को 3.3 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 5.0 टन प्रति हेक्टेयर तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
करोड़ों रुपए होंगे खर्च
खबरों की मानें, तो प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मत्स्य क्षेत्र में अब तक का सबसे अधिक फंड खर्च किया जाए है. इसमें से मरीन, इनलैंड फिशरीज और एक्वाकल्चर में लगभग 11 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएं, तो वहीं फिशरीज इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए लगभग 7710 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा.
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कौन उठा पाएगा योजना का लाभ
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मत्स्य संपदा योजना का लाभ केवल मछुआरा समुदाय से संबंध रखने वाले लोगों को मिलेगा.
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जलीय क्षेत्रों से संबंध रखने वाले और जलीय कृषि का काम करने वाले योजना के पात्र होंगे.
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समुद्री तूफान, बाढ़, चक्रवात जैसी किसी प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए मछुआरों को योजना ला काब मिलेगा.
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मछली पालने वाले किसानों को भी आसानी से 3 लाख रुपए का लोन मिलेगा. बता दें कि सरकार ने मछली पालन को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ दिया है.
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