महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा की गई है. सरकार राज्य के ग्रामीण इलाकों के लिए यह पार्क विकसित कर रही है. यह इंडस्ट्रियल पार्क पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा बनाया जाएगा. इसके माध्यम से ग्रामीण इलाकों के महिलाओं एवं युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे. महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना के पहले चरण में 300 पार्क विकसित किए गए हैं, इसके लिए सरकार ने 16 एकड़ जमीन आरक्षित कर दी है.
योजना का उद्देश्य
योजना का उद्देश्य गांव के लोगों को रोजगार के साथ-साथ उनके आर्थिक हालात को अच्छा करना है. इस कल्याणकारी योजना के जरिए राज्य के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और युवाओं को रोजगार के साथ-साथ आय के उचित साधन उपलब्ध करवाना है. यह कदम राज्य के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए है. इस योजना के अंतर्गत कई गांवों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में विकसित किया जा चुका है, जहां गौशालाओं वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण, मुर्गी पालन, बकरी पालन, कृषि, फसलों एवं छोटे उद्योगों की इकाईयां स्थापित की गई हैं.
लाभ
इंडस्ट्रियल पार्क योजना से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब और बेरोजगार लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध होगें. ग्रामीण क्षेत्रों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बनने से गांव के लोगों के आर्थिक हालात अच्छे होंगे और साथ ही ग्रामीणों के लिए आजीविकामूलक गतिविधियां संचालित की जाएंगी. गांव में रोजगार के साधन उपलब्ध होने से ग्रामीण नागरिक आत्मनिर्भर एवं स्वालम्बी बन सकेंगे एवं साथ ही बेरोजगार दर में भी गिरावट आएगी.
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महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना का लाभ लेने की उम्मीदवार को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना चाहिए. इस योजना का लाभ केवल ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब बेरोजगार नागरिक ही उठा सकते हैं तथा आवेदनकर्ता की आयु कम से कम 18 वर्ष या इससे अधिक होनी चाहिए.
आवेदन के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज
इस योजना का लाभ उठाने वालों के लिए आवेदन के दौरान आधार कार्ड, राशन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, आयु प्रमाण पत्र और पासपोर्ट साइज फोटो की आवश्यकता होगी.