कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख क्षेत्र है. ऐसे में देश के लघु एवं सीमान्त श्रेणी के कृषकों कम ब्याज दर पर किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए फसली ऋण मुहैया कराई जाती है. कृषि ऋण की उपलब्धता न केवल फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक है बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने, सम्पत्तियों के निमार्ण में और खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में सहायक भी है. अब किसान क्रेडिट कार्ड को लेकर एक बड़ी खबर आई है. दरअसल देश के किसानों को अब खेती-किसानी के लिए बिना गारंटी के ही 1.60 लाख रुपए का लोन मिलेगा. पहले यह सीमा सिर्फ 1 लाख रुपये तक ही थी. अब सरकार ने लोन लेना भी आसान कर दिया है. गत दिनों कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि यह ऋण किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए मिलेगा. हम खुशहाल किसान और समृद्ध भारत बनाना चाहते हैं. सरकार बिना गारंटी लोन इसलिए से रही है ताकि वे साहूकारों के चंगुल में न फंसे.
मंत्री कैलाश चौधरी ने आगे बताया कि समय पर भुगतान करने पर 3 लाख रुपए की सीमा तक किसानों को 4 फीसदी के ब्याज दर पर कर्ज मिलेगा. उन्होने आगे बताया कि बैंकों को कहा गया है कि ऋण के लिए आवेदन जमा करने के 15 दिन के अंदर किसान क्रेडिट कार्ड जारी करें. किसान क्रेडिट कार्ड पर बैंकों के सभी प्रोसेसिंग चार्ज खत्म कर दिए गए हैं. पशुपालन एवं मत्स्यपालक किसानों को को भी किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 2 लाख रुपए तक का कर्ज देने की सुविधा दी गई है.गौरतलब है कि देश में अभी मुश्किल से 7 करोड़ किसानों के पास ही किसान क्रेडिट कार्ड है, जबकि किसान परिवार 14.5 करोड़ हैं. ऐसा इसलिए है कि बैंकों ने इसके लिए प्रक्रिया बहुत जटिल की हुई है, ताकि किसानों को कम से कम कर्ज देना पड़े.
कैसे बनेगा किसान क्रेडिट कार्ड
सरकारी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि गांवों में जो कैंप लगाए जाएंगे उनमें किसान से पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, जमीन का रिकॉर्ड और फोटो देनी होगी. इतने में ही बैंक को किसान क्रेडिट कार्ड बनाना पड़ेगा. जिला स्तरीय बैंकर्स कमेटी गांवों में कैंप लगाने का कार्यक्रम बनाएगी, जबकि राज्य स्तरीय कमेटी इसकी निगरानी करेगी. इसमें सबसे बड़ी भूमिका जिलों के लीड बैंक मैनेजरों की तय की गई है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में जानकारी दी है कि अब बैंकों को आवेदन के 15 दिन में ही किसान क्रेडिट कार्ड बनाना पड़ेगा.
किसानों को मिलती है बड़ी छूट
खेती-किसानी के लिए ब्याजदर वैसे तो 9 फीसदी है. लेकिन सरकार इसमें 2 परसेंट की सब्सिडी देती है. इस तरह यह 7 फीसदी पड़ता है. लेकिन समय पर लौटा देने पर 3 फीसदी और छूट मिल जाती है. इस तरह इसकी दर ईमानदार किसानों के लिए मात्र 4 फीसदी रह जाती है. कोई भी साहूकार इतनी सस्ती दर पर किसी को कर्ज नहीं दे सकता. इसलिए अगर आपको खेती-किसानी के लिए कर्ज चाहिए तो बैंक जाइए और किसान क्रेडिट कार्ड बनवाईए.