PM-KISAN: पीएम मोदी ने जारी की 20वीं किस्त, 9.7 करोड़ किसानों को मिले ₹20,500 करोड़ - ऐसे करें अपना स्टेटस चेक Success Story: गेंदा फूल की जैविक खेती से किसान कमा रहा लाखों, सालाना आमदनी 30 लाख रुपये से ज्यादा! 8 अगस्त तक दिल्ली, यूपी और राजस्थान समेत इन राज्यों में होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 15 January, 2019 12:00 AM IST

पान की खेती नगदी की फसल मानी जाती है. देश के कई राज्यों के किसान पान की खेती करके मुनाफा कमा रहे हैं. पान के खेती को बढ़ावा देने के लिए कुछ प्रावधानों के आधार पर सबंधित राज्य सरकार किसानों को सब्सिडी भी देती हैं. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार पान किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी दे रही है. दरअसल, 500 वर्ग मीटर के बरेजे (पान के खेत) की औसतन लागत 50 हजार रुपये आती है. इस हिसाब से किसानों को पच्चीस हजार रूपए की अनुदान राशि दी जाएगी. सोमवार को उद्यान विभाग के अधिकारियों ने बांदा जिले के इकलौते पान उत्पादन करने वाले गांव 'बरईमानपुर' में किसानों के साथ बैठक कर उन्हें सरकार की इस योजना से अवगत कराया.

ये भी पढ़ें- पान की खेती के लिए मिल रही है 75,600 रूपये की सब्सिडी

बता दें कि बरईमानपुर गांव में करीब डेढ़ दशक पहले तक बड़े पैमाने पर पान की खेती होती थी, लेकिन सिंचाई समस्या व घाटे की वजह से किसानों ने पान की खेती करना छोड़ दिया. अब बरईमानपुर गांव में पान की खेती को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार सब्सिडी दे रही है.

सोमवार को बरईमानपुर गांव पहुंचे जिला उद्यान अधिकारी परवेज खां व अपर सांख्यिकी अधिकारी शिवेंद्र सिंह बघेल ने किसानों को इसके लिए प्रेरित किया. हालांकि इस दौरान किसानों ने सब्सिडी बढ़ाने की मांग की. जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि 'राष्ट्रीय कृषि विकास योजना' के अंतर्गत 'पान विकास प्रोत्साहन योजना' से वित्तीय वर्ष 2018-19 में बरेजा बनाने के लिए 30 किसानों को प्रति किसान 25,226 रुपये का अनुदान दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- आधुनिक बकरी पालन की सम्पूर्ण जानकारी

बरेजे की कुल लागत 50,453 रुपये निर्धारित है. इसके लिए किसानों को कृषि विभाग की वेबसाइट www.uphorticulture.gov.in पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा. 'पहले आओ-पहले पाओ' के आधार पर किसानों का चयन किया जाएगा. सबसे पहले उन किसानों को वरीयता दी जाएगी जो पोर्टल पर पहले आवेदन करेंगे.

English Summary: government will provide subsidy farming of paan
Published on: 15 January 2019, 04:32 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now