गन्ना (sugarcane) भारत की प्रमुख नकदी और बहुवर्षीय फसल है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत गन्ना उत्पादक देशों में अव्वल स्थान पर है. अकेले भारत में ही गन्ने की फसल की अनुमानित उत्पादकता 77.6 टन प्रति हेक्टेयर और वहीं उत्पादन क्षमता लगभग 306 मिलियन टन है. भारत के विभिन्न राज्यों में किसान गन्ने का उत्पादन करते हैं.
ऐसे में गन्ना खेती (Sugarcane field) को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार (central government) के द्वारा कुछ खास योजनाएं (Sugarcane crop schemes) चलाई जा रही हैं. यदि आप गन्ने की खेती शुरू करना चाहते हैं या उत्पादन पर उचित मुनाफा कमाना चाहते हैं तो यह योजनाएं आपके लिए फायदेमंद साबित होंगी.
चलिए जानते हैं इन योजनाओं के बारे में-
गन्ना उत्पादन के लिए ट्रेनिंग
यदि आप गन्ने की खेती करना चाहते हैं तो सरकार के द्वारा आपको ट्रेनिंग (sugarcane crop training) प्रदान की जाती है. एग्री क्लीनिक और कृषि बिजनेस सेंटर योजना के तहत ट्रेनिंग दी जाती है. गन्ना किसान अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्रों में जाकर गन्ने की खेती और इससे जुड़ी प्रोसेसिंग यूनिट के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए लखनऊ स्थित ICAR- Indian institute of Sugarcane Research से 0522-2480726 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.
गन्ना की समर्थन मूल्य पर खरीदी
केंद्र सरकार खरीफ और रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करती हैं. उसी तरह गन्ना की फसल पर एफआरपी तय किया जाता है. भारत सरकार के द्वारा गन्ने का उचित व लाभकारी मूल्य पांच रुपए बढ़ाकर 290 रुपए कर दिया गया है. सत्र 2021-22 के लिए रिजेक्टेड वैरायटी का मूल्य 335, सामान्य प्रजाति के लिए 340 और अगैती प्रजाति के लिए 350 प्रति क्विंटल रुपए निर्धारित किया गया. केंद्र सरकार ने पेराई सत्र 2022-23 के लिए गन्ना मूल्य 15 रुपए बढ़ा दिया है.
गुड़ बनाने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट पर अनुदान
गन्ना किसान गुड़ प्रोसेसिंग यूनिट (Jaggery Processing Unit) लगाकर मोटा मुनाफा कमा सकते हैं. प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में 20 से 25 लाख का खर्च आता है. जिसे कई किसान मिलकर लगा सकते हैं या लोन लेकर भी इसे लगाया जा सकता है. साथ ही सरकार प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर सब्सिडी भी देती है. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत कृषि संबंधित उद्योग खोलने के लिए 10 लाख तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है. लाभ उठाने के लिए प्रधानमंत्री सूक्ष्म उद्योग वेबसाइट www.pmfme.mofpi.nic.in पर क्लिक करें. इस पर रजिस्ट्रेशन कर, आवेदक लॉग इन आईडी से लॉग इन करें. इसके बाद प्रोसेसिंग यूनिट पर सब्सिडी के लिए नि:शुल्क आवेदन कर सकते हैं.
गन्ने की खेती के लिए उर्वरक व सिंचाई की सुविधा
गन्ने की फसल 12 से 18 महीने में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. गन्ना किसान को फसल लगाने के बाद उर्वरक, खाद और पानी की जरूरत का ध्यान रखना होता है. वहीं खरपतवारों को भी साफ करना होता है. राज्य सरकारों के द्वारा उर्वरकों पर सब्सिडी दी जाती है. ड्रिप सिंचाई संयंत्र पर 50 से लेकर 90 प्रतिशत तक अनुदान मिलता है.
गन्ना पराली की खरीद
सरकार के द्वारा गन्ने के साथ ही कटाई के बाद फसल अवशेष यानि पराली की भी खरीदी की जाती है.
इसके अलावा विभिन्न राज्यों के द्वारा गन्ना किसानों के लिए अलग-अलग योजनाएं चलाई जा रही हैं. जो इस प्रकार हैं.
गन्ना किसानों को 900 रुपए प्रति हेक्टेयर का अनुदान
उत्तरप्रदेश गन्ना उत्पादन में अव्वल स्थान पर है. राज्य सरकार के द्वारा गन्ना किसानों के लिए अलग से कई योजनाएं चलाई गई हैं. जिसके तहत यूपी के गन्ना किसानों को गन्ना की फसल सुरक्षा और प्रबंधन के लिए 900 रुपए प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जाता है. साथ ही गन्ना किसानों को किराये पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाते हैं. किसानों को बहुत ही कम किराये पर खेतीबाड़ी के काम के लिए कृषि यंत्र प्रति घंटे के हिसाब से मुहैया कराया जाता है. इससे छोटे किसानों को कृषि यंत्र खरीदना नहीं पड़ता और कम किराये में उनका काम पूरा हो जाता है.
गन्ना किसानों को बोनस
छत्तीसगढ़ की सरकार के द्वारा गन्ना किसानों को बोनस राशि दी जाती है. इसके अलावा हरियाणा सरकार गन्ने की पराली को भी एमएसपी पर खरीदने की तैयारी कर रही है. जिससे गन्ना किसानों को दोगुना मुनाफा होगा.