मौसम की मार किसानों की फसलों पर भी पड़ती है. ऐसे में केंद्र से लेकर राज्य सरकार द्वारा फसल की मार पड़ने पर किसानों के लिए मुआवजा योजना चलाई जाती है. लेकिन जरा सोचिए की मछली पालने वाले किसानों यानी की मछुवारों का क्या होता होगा. उनके नुकसान की भरपाई कैसे होती होगी. क्योंकि मौसम की मार सिर्फ खेती करने वाले किसानों पर नहीं बल्कि मछुआरों पर भी पड़ता है. इसलिए बिहार राज्य के मछुआरों को राज्य सरकार नुकसान होने पर मुआवजा राशि प्रदान करती है.
बिहार के मुछआरों को मिलता है मुआवजा राशि
बिहार सरकार गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करने वाले मुछआरों के लिए मुआवजा योजना चला रही है. क्योंकि प्राकृति आपदाओं का बुरा प्रभाव ना सिर्फ खेती-किसानी बल्कि मछलीपालन पर भी पड़ता है.
ऐसे में अब राज्य सरकार नदी में मछलियों का शिकार करने वाले मछुआरों को प्रतिबंधित महीने (जून से अगस्त) में 1500-1500 रुपए किस्त के हिसाब से सालाना 4500 रुपए की मदद करने जा रही है. इस राशि से मछुआरा अपने नुकसान की भरपाई कर सकेंगे. ये मदद राज्य सरकार (Bihar Government) मछुआरों को राहत-सह-बचत योजना के तहत कर रही है.
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राहत सह बचत योजना क्या है?
बिहार के मछुआरों के लिए राज्य सरकार ने राहत सह बचत योजना की शुरुआत की है. इस योजना का उद्देश्य मछुआरों को प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान से राहत पहुंचाना है. ऐसे में सरकार ने इस योजना का लाभ लेने वाले इच्छुक गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले मछुवारों से आवेदन मांगे हैं.
मछुआरें ऐसे लें योजना का लाभ
अगर आप बिहार में रहते हैं और गरीबी रेखा ने नीचे जीवन बसर करने वाले मुछआरे हैं तो आप इस योजना का लाभ ले सकते हैं. इसके लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आप बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट Fishries.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन की अंतिम तारीख 31 जनवरी, 2023 तय की गई हैं.
योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी पात्रता
बिहार का निवासी होना चाहिए और गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करता हो.
जो मछुआरे नदियों में पूर्णकालिक शिकारमाही करते हैं, उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा.
मछुआरे की उम्र 18 से 60 साल के बीच होना चाहिए.
मछुआरे के पास जिला मत्स्य पदाधिकारी या सह मुख्य कार्यपालक अधिकारिक द्वारा अप्रूव्ड नि:शुल्क मतस्य शिकारमाही प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है.
मछुआरे के पास मत्स्य जीवी सहयोग समिति, निबंधित फेडरेशन, निबंधित वेलफेयर सोसाइटी समूह की सदस्यता होनी चाहिये.