मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के जनजातीय लोगों के लिए ‘देवारण्य योजना’ लेकर आई है. इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के लोगों को आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करना है और साथ ही जनजातीय लोगों को रोजगार से जोड़ना भी है. इस योजना के अंतर्गत सरकार इंदौर शहर में एक आयुष सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल भी तैयार करेगी और उसमें आयुर्वेद और यूनानी औषधि के विकास को भी बढ़ावा देगी.
योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य आयुर्वेद के माध्यम से राज्य के जनजातीय लोगों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करना और उन्हें रोजगार के श्रम से जोड़ना है. इस योजना के माध्यम से प्रदेश में औषधियों के उत्पादन का एक वैल्यू चेन सिस्टम तैयार किया जाएगा. इस कार्य में सरकार राज्य के तमाम स्व-सहायता समूहों की मदद लेगी. इस योजना में राज्य के कृषि उत्पादक संगठन, आयुष और वन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग और जनजातीय कार्य विभाग मिलकर एक साथ काम करेंगे.
देवारण्य योजना के लाभ
देवारण्य योजना का लाभ आदिवासी और जनजाति के लोगों को ही मिलेगा. इसके माध्यम से प्रदेश के अनुसूचित जनजातीय क्षेत्रों के निवासियों को रोजगार देना और उनकी आजीविका के लिए संसाधनों की पूर्ति करना है. राज्य के जनजातीय लोग इस योजना से औषधीय एवं सुगंधित पौधों से दवाइयों का निर्माण कर सकेंगे और एक मजबूत सप्लाई चेन के माध्यम से उनकी बिक्री भी कर सकेगें.
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योजना के लिए पात्रता
इस योजना के लिए आवेदन करने वाले को मध्य प्रदेश राज्य का स्थायी निवासी होना होगा और राज्य के केवल आदिवासी और जनजातिय लोग ही इसका लाभ उठा सकेगें. इसके अलावा योजना का लाभ लेने वाले राज्य के किसी भी स्वयं सहायता समूह का सदस्य हो और वह राज्य में ही कार्यरत हो. आवेदन करने वाले को सुगंधित और औषधियों पौधों के बारे में अच्छी जानकारी होना जरुरी है.